बेमौसम बरसात ने बड़ाई किसानों की चिन्ता
टोड़ीफतेहपुर। रात्रि में मौसम का अचानक मिजाज बिगड़ जाने से किसानों के चेहरों पर चिन्ता की लकीरें बढ़ र्गइं, पूरे दिन भगवान भाष्कर के दर्शन तक नहीं हुए।
तड़के सुबह चार बजे के लगभग अचानक तेज बादलांे की गड़गड़ाहट के साथ वारिस शुरू हो गई जो किसान रात्रि में खेतों पर फसलों की रखबली कर रहे थे अचानक मौसम के खराब हो जाने से लकड़ी की बनी टपरियो में छुप कर पानी से अपनी सुरक्षा करने की जद्दोजहद मे लगे हुए नजर आये। किसानों ने बताया कि इस बारिस से मटर एवं मसूर की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है, जबकि गेंहू की फसल को फायदा रहा। किसानों को मसूर की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों को आजतलक खरीब की क्षतिग्रस्त हुई फसलांे का मुआवजा नहीं मिला है किसान अभी खरीब की क्षतिग्रस्त हुई फसलों से पूर्ण रूप से उबल नहीं पाया था और दैवीय आपदा के प्रकोप से रवि की फसलों पर फिर से संकट मंडराने लगा है। मौसम ने अब फिर से दस्तक दे दी है। दो दिन निकली धूप से लोगांे को कुछ राहत मिली थी, लेकिन अचानक मौसम ने रात्रि से करवट फिर बदल दी और मौसम को फिर से सर्दी के आगोश में ले लिया है। किसान सदन पाण्डेय ने बताया कि अचानक बेमौसम हुई वारिस से किसानों को मसूर और मटर की फसलो को ज्यादा नुकसान हुआ है। किसान दैवीय आपदाओं के कोपभाजन का शिकार होता चला आ रहा है और किसानों को कोई आर्थिक सहायता नही दी जाती है। किसान प्रद्युम्न तिवारी ने बताया किसानों को दैवीय आपदाओं के कोपभाजन से हर वर्ष फसलो की क्षति होने से संतोष करना पड़ रहा है और किसानों को शासन द्वारा कोई आर्थिक सहायता तक नही दी जा रही है रात्रि में बरसे पानी से मसूर और मटर की फसलो का ज्यादा नुकसान है। किसान भगवानसिंह कुशवाहा ने बताया कि अचानक बदले मौसम से किसानों को खेतों में खड़ी फसलो की चिंता सताने लगी है बादलो की गर्जना के साथ हुई बारिश से मटर एव मसूर की फसलो को ज्यादा नुकसान है एव गेंहू की फसलो को फायदा है।