बुवि: कुलसचिव ने किया हॉस्टल का निरिक्षण, छात्रों के साथ बिताया समय

समस्याओं का निस्तारण होने पर खुश हुए छात्र
झांसी। कोविड-19 का कहर विश्व के अधिकांश देशों में जोरों पर है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना वाॅयरस के बचाव को लेकर बीते दिनों प्रधानमंत्री द्वारा किए गए 21 दिन के लॉकडाउन ने कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। वैश्वीकरण के इस दौर में एक ही स्थान पर बंध कर रहने में सभी लोग किसी न किसी समस्या का सामना कर रह हैं। युवाओं के लिए तो यह और भी कठिन समय है। खासतौर पर उन युवाओं के लिए जो अपने घरों से दूर किसी स्थान पर इस लाॅकडाउन के चलते फंस कर रह गए हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हाॅस्टल में भी करीब दो दर्जन से अधिक छात्र फंसे हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार ऐसे प्रयास कर रहा है ताकि छात्र अपने आप को अकेला महसूस न करें। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने रविवार को बॉयज हॉस्टल का निरीक्षण कर छात्रों का हाल चाल लिया। और उनकी समस्याओं का भी निस्तारण किया।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलसचिव नारायण प्रसाद रविवार को बाॅयज हाॅस्टल पहंुचे। उन्होंने वहां पर लाॅकडाउन के चलते फंसकर रह गए करीब 25 से अधिक छात्रों के साथ समय बिताया। उन्हें आश्वस्त किया की विश्वविद्यालय संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है। कुलसचिव ने छात्रों को सोशल डीस्टेंसिंग का पालन करने, नियमित रूप से मास्क पहनने और समयांतराल पर लगभग 20 सेकंड तक हाथ धोने के सम्बन्ध में जानकारी दी। कुलसचिव ने जानकारी दी की सरकार की तरफ से विश्वविद्यालय के हाॅस्टल में रह रहे छात्रों के लिए शासन स्तर से कई दिशा निर्देश जारी किये गयें हैं। छात्र अकेले रहने से कहीं मनोवेज्ञानिक रूप से कमजोर न हो इसके लिए सभी वार्डन और प्रोवोस्ट को छात्रों से नियमित रूप से संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। हॉस्टल में रह रहे छात्र विशाल ने बताया की उनका अधिक्तर समय पढ़ने और वीडियो क्लासेज में बीत रहा है। मोनोरंजन के लिए मोबाइल और टीवी है। सभी वार्डन नियमित रूप से हम लोगों के संपर्क में रहतें है।
कुलसचिव ने छात्रों की अपील पर कच्चा राशन दिलाया
छात्रों ने कुलसचिव के सामने समस्या रखी कि वे हाॅस्टल के खाने के स्थान पर स्वयं बनाकर खाना खाना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें पके हुए भोजन के स्थान पर कच्चा राशन उपलब्ध करा दिया जाए। इस बात को कुलसचिव ने प्राथमिकता से लेते हुए तुरंत इसका निस्तारण कराया। और छात्रों को राशन उपलब्ध कराते हुए उन्हें घर की तरह अपने मन का खाना खाने की सलाह दी।

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