बुविवि में शुल्क वृद्धि लेकर कुछ कर रहे विरोध, तो है पक्ष में

उ.प्र. सरकार द्वारा बुविवि को किसी भी प्रकार का वित्तीय अनुदान प्राप्त नहीं

झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित योजना के तहत चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क में हुई आंशिक वृद्धि को लेकर कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन के समक्ष कई छात्र संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा शुल्क वृद्धि वापस लिये जाने के लिए प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये गये हैं, जिसमें कुछ शुल्क वृद्धि के विरोध में है तो कुछ शुल्क वृद्धि के पक्ष में भी है।
इसको लेकर बुविवि प्रशासन ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को किसी भी प्रकार का वित्तीय अनुदान प्राप्त नहीं है। विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा दिये शुल्क तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परीक्षा शुल्क पर ही वित्तीय रूप से निर्भर है। पिछले कई वर्षों से किसी भी पाठ्यक्रम में कोई भी शुल्क वृद्धि नहीं की गई। विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रमों में किसी भी प्रकार की शुल्क बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। जबकि इस बीच शासन द्वारा सभी प्रकार के मुल्यांकन और प्रश्नपत्र निर्माण की नई दरें लागू की गई हैं। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार विश्वविद्यालय में कार्यरत स्थायी शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है तथा सभी को वेतन के एरियर का भुगतान भी किया गया है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में चल रहे स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों की भी अभी हाल ही में 8 से 14 प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि की गई है। जिससे विश्वविद्यालय पर अतिरिक्त व्यय भार बढ़ा है। इस वर्ष के प्रारम्भ में विभागाध्यक्षों व पाठ्यक्रम समन्वयकों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बैठक में आवश्यकतानुसार लगभग 3 से 50 प्रतिशत शुल्क वृद्धि किये जाने के सम्बन्ध में संस्तुति की गई तथा वित्त समिति एवं कार्य परिषद् का अनुमोदन प्राप्त किये जाने के उपरान्त यह निर्णय लिया गया कि सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों में नवप्रवेशित विद्यार्थियों से बढ़ा हुआ शुल्क लिया जाये। द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम सेमेस्टर, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों का शुल्क पूर्व की भाॅंति ही रहेगा। विश्वविद्यालय में चल रहे स्ववित्त पोषित योजना के पाठ्यक्रमों की नियामक संस्थाओं द्वारा समय समय पर उच्च स्तरीय पदों के सृजन के लिए भी विश्वविद्यालय को निर्देशित किया जाता रहता है। जिससे पठन पाठन की सुविधाओं का विकास हो सके।

बुविवि में कई व्ययों के साथ मानदेय व भत्ता पर बड़ी धनराशि होती है व्यय
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों का वेतन भुगतान, सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पेंशन का भुगतान, परीक्षा कार्य, प्रयोगात्मक परीक्षा, मूल्यांकन कार्य, परिणाम आदि कार्यों में होने वाला व्यय तथा इन कार्याें में समय समय पर ड्यूटी करने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों का मानदेय, यात्रा भत्ता आदि पर एक बड़ी धनराशि व्यय होती है।

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