बुविवि में आयोजित कार्यक्रम में दिखाई हिंदी की प्रवीणता
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी संस्थान में शनिवार को आयोजित विशेष कार्यक्रम में सेंट पीट्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संगठन और हम्बर्ग विश्वविद्यालय की साझा योजना के तहत आए रूस और जर्मनी के विद्यार्थियों ने हिंदी की प्रवीणता और भारतीय परिवेश में मिले अनुभवों को साझा किया। विद्यार्थियों ने हिंदी में अपने दिल की बातों को साझा कर श्रोताओं के मानस को प्रभावित कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रो. वीके सहगल ने सभी विद्यार्थियों की एकाग्रता और निष्ठा की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई की कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को दुनिया की विविध संस्कृतियों की खूबियों को समझने का मौका मिलता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डा. मुन्ना तिवारी ने विद्यार्थियों का परिचय कराया। एवगेनिया ने कोर्स के कार्यक्रम, अरीना जोरीना ने आयुर्वेदिक खाद्य व्यवस्था, अलीसा ने दिनचर्या की शुरुआत, अन्ना ने धार्मिक नगरी ओरछा के इतिहास और विशेषताओं, क्रिस्तीना कुमार ने हनुमान मंदिर की पूजा और उसके अनुभवों, वलेंतीना ने सरस्वती पूजा, अस्तुर मखलयूक ने भारतीय ग्रामीण जीवन के अनुभवों की जानकारी साझा की। इनके अलावा एवगेनिया बुटेंकारे और तात्याना अरांसिकावा ने इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और भारत में प्राप्त अनुभवों के बारे में विचार व्यक्त किए। विद्यार्थियों ने हिंदी के ज्ञान का प्रदर्शन भी श्यामपट पर विविध शब्दों को लिखकर किया। अंत में कला संकाय के प्रमुख डा. सीबी सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। विदेशी विद्यार्थियों के दल में अलीसा चोचुआ, अलीसे बोबदानोवा, अन्ला ग्लादकोवा, ओल्गा सोलोवेवा, वावलेंतीना सेलेज्नेवा आदि शामिल रहे। कार्यक्रम में हिंदी संस्थान के अध्यक्ष डा. पुनीत बिसारिया, डा. अचला पाण्डेय, डा. श्रीहरि त्रिपाठी, जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के समन्वयक डा. कौशल त्रिपाठी, उमेश शुक्ल, राघवेंद्र दीक्षित, समाज कार्य संस्थान के डा. मुहम्मद नईम, डा. जितेंद्र कुमार बबेले, सतीश साहनी, जय सिंह आदि उपस्थित रहे।