बुन्देलखण्ड में लगातार गहरा रहा कोरोना संकट, 238 पहंुची संक्रमित मरीजों की संख्या.
जालौन मरीजों की संख्या में अव्वल, प्रशासन लगातार कर रहा सोशल डिस्टेंस की अपील
झांसी। बुन्देलखण्ड में कोरोना का कहर लगातार गहराता जा रहा है। इसके चलते सातों जनपदों में लगातार कोरोना के संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालांकि आधे से अधिक मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। और एक्टिव मामलों की संख्या भी कम ही है। लेकिन एक बार कोरोना का संकट टल जाने के बाद फिर से इसकी वापसी चिंता का विषय बना हुआ है। सातों जिलों मंे से जालौन में देर शाम तक संक्रमितों की संख्या सर्वाधिक बनी हुई है। वहीं ललितपुर जिला में मरीजांे की संख्या सबसे कम है। जबकि जालौन के बाद चित्रकूट स्थान आ गया है। जो बीते रोज तक संक्रमितों की संख्या के मामले में जालौन से पहले था।
कोरोना कहर के चलते 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में 21 दिन का लाॅकडाउन लागू किया था। इसके बाद से देश के विभिन्न राज्यों में रोजगार की तलाश में जमे हुए मजदूरों ने रोजगार पर संशय के बादल मड़राते देख रातों रात अपने घर जाने का निश्चय करते हुए वहां से निकलना बेहतर समझा। इन प्रवासी मजदूरों को पहले तो सख्ती के साथ रोकने का प्रयास किया गया था लेकिन बाद में उनकी बढ़ती संख्या और परेशानियों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों को अपने गंतव्य तक भेजे जाने के निर्देश दिए थे। लेकिन इनका पालन हो नहीं सका। इसका परिणाम यह हुआ कि पूरे लाॅकडाउन का मखौल उड़ाते हुए प्रतिदिन आवाजाही लगी रही। हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर कभी पैदल तो कभी किसी प्राईवेट वाहनों से विभिन्न राज्यों से चलकर बुन्देलखण्ड की हृदयस्थली वीरांगना भूमि झांसी पहुंचते रहे। यहां से उन्हें उनके गंतव्य तक भिजवाने की व्यवस्था की गई। इस दौरान कई मजदूरों की जांच हो पाई तो कुछ बिना किसी सूचना के ही चोरी छुपे बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों के गांवों में जा पहुंचे। हालांकि प्रशासन ने जब तक उन्हें टेªस किया और उनको क्वारेंटाइन किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। निगरानी समितियां भी बनाई गई। समाजसेवी संस्थाओं ने भी प्रवासी मजदूरों को जागरुक करते हुए उन्हें जांच कराने के लिए कहा। लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं हुआ। परिणाम सामने है। झांसी जिले में 27 अप्रैल से शुरु हुए कोरोना मरीजां की संख्या 30 तक जा पहुंची थी। उसके बाद जिले को 12 मई को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया था। लेकिन दस दिन बाद प्रवासी मजदूर के रुप में कोरोना ने फिर से दस्तक दे दी। और बीती रात तक झांसी में कुल पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 52 हो गई थी। इनमें से 6 की मौत हो चुकी है। 36 मामले पाॅजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं। 28 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं 10 मामले अभी भी सक्रिय बने हुए हैं।
वहीं जालौन में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 66 जा पहुंची है। इनमें से 41 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 4 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सक्रिय मामलों की संख्या 21 जा पहुंची है। ललितपुर जनपद में कुल संख्या 4 है। इनमें से एक की मौत हो गई है। वहीं एक मरीज स्वस्थ हो चुका है। जबकि दो सक्रिय मामले अभी भी जनपद में बने हुए हैं।
चित्रकूट-बांदा मंडल के हमीरपुर जनपद में कुल संक्रमितों की संख्या 11 है। इनमें से 6 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। यहां एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं 5 मरीज अभी भी सक्रिय बने हुए हैं।
जनपद महोबा में कुल पाॅजिटिव मामलों की संख्या 19 जा पहुंची है। इनमें से 9 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक की मौत हो चुकी है। जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 9 बनी हुई है।
जिला बांदा में कुल मरीजों की संख्या 24 है। इनमें से अब तक 22 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि दो मामले अभी भी सक्रिय हैं। हालांकि यहां कोई मौत कोरोना के संक्रमण से नहीं हुई है।
बुन्देलखण्ड के चित्रकूट जनपद में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या 64 जा पहुंची है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। 26 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। वहीं 37 मामले अभी भी सक्रिय बने हुए हैं।