बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर बोले, मेला ग्राउंड पर कब्जा सरकार के लिए कलंक
प्रांतीय मेला ग्राउंड मामले ने पकड़ा तूल,नगर पालिका में जुटे गणमान्य
झांसी। देश की सबसे बड़ी तहसील में प्रान्तीय मेला ग्राउण्ड में हुए कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीते रोज पत्रकारों से मुखातिब हुए पालिका अध्यक्ष ने जनमत संग्रह की बात की थी। वहीं रविवार को नगर पालिका सभागार में बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर बाबा रामदास ब्रम्हचारी जी के मुख्य आतिथ्य में बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पालिका अध्यक्षता हरिश्चंद्र आर्य ने की। बैठक में नगर के बिभिन्न राजनेतिक दलो के नेताओ के अलावा बकील,व्यापार मण्डल के पदाधिकारी,सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि के साथ नगरपालिका के पार्षद मौजूद रहे। मुख्य अतिथि बुन्देलखण्ड पीठाधीश्वर ने मेला ग्राउंड के कब्जे को वर्तमान सरकार पर कलंक बताया।
बैठक में सभी ने एक स्वर में मेला ग्राउण्ड पर किये गये कब्जे का विरोध करते हुये कठोर कार्यवाही की मांग की। पालिका अध्यक्ष को हर मोर्चे पर अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया। मुख्य अतिथि ब्रह्मचारी जी ने उक्त कार्य की जमकर भर्तसना की। उन्होंने कहा कि अगर नगर की संपत्ति को नगर वासियों को सौपने में अर्थ की बात सामने आती है तो यह कृत्य काफी निदंनीय है। इसका विरोध नगर की पूरी जनता एक मत होकर करेगी। उन्होंने बताया कि मेला ग्राउण्ड नगर की प्रमुख धरोहर है। इसे हर कीमत पर बचाया जायेगा। इसके लिये वे स्वयं जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रयास करेंगे। नगरवासियों को हर कीमत पर निर्विवाद मेला ग्राउण्ड की आवश्यकता है। उन्होंने सत्ता पक्ष के लोगो से स्वयं वार्ता कर चेताया कि अगर भाजपा शासन में नगर की धरोहर मेला ग्राउण्ड पर कब्जा होता है तो यह बात उनकी सरकार के लिये कलंक बन सकती है। पालिकाध्यक्ष ने बताया कि नगर के मेला ग्राउंड को कब्जा मुक्त कराने के लिए उनके व पालिका के पार्षदों द्वारा स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिले के अधिकारियों को ज्ञापन दिया जा चुका है। साथ ही कब्जा धारियों से कब्जा मुक्त कराने के लिये पार्षदों का एक प्रतिनिधि मंडल भेज कर वार्ता भी की गयीं लेकिन वार्ता विफल रही। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि मेला ग्राउण्ड को कब्जा मुक्त कराने के लिये वे हर सम्भव प्रयास करेंगे और नगर का मेला ग्राउण्ड कब्जा धारियों के कब्जे से मुक्त कराकर नगर वासियो को सोपेंगे। उन्होंने नगरवासियों से भी अपील की कि यह मेला ग्राउण्ड सभी नगरवासियों का है। उन्हें भी मेला ग्राउण्ड को कब्जा मुक्त कराने के लिये अपने अपने स्तर से प्रयास करना चाहिये। पूर्व सरकारी वकील हरिश्चंद्र सोनी ने बैठक का संचालन किया।
इन्होंने भी किए विचार व्यक्त
बैठक में बैजनाथ तिवारी,रामाधार सिंह यादव,रामलखन दुबे, पार्षद हरि मोहन दुबे,गहोई समाज के सरपंच काका जी मोदी,सुड्डू यादव,समाजसेवी अतीक अहमद, बसपा नेता आर के अहिरवार, ब्रज विहारी राज,साबिर खां, प्रधान गुड्डू मिस्त्री, प्रकाश चैटाला, राजेश विलाठिया,उमेश खरे, राम गुलाम सोनी ,सहित अनेक नगर के गढ़मान्य लोगो ने भी अपने विचार प्रकट करते हुये हर कीमत पर नगर के मेला ग्राउण्ड को कब्जा मुक्त कराने के लिये अपना सहयोग देने की बात कही।
पूर्व में सपा सरकार ने की थी प्रान्तीय मेले की घोषणा
मऊरानीपुर के प्रसिद्ध मेला जलबिहार को पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार के दौरान प्रान्तीय मेला का दर्जा दिया गया था। उसी दौरान सुखनई नदी के किनारे मेला ग्राउण्ड को विकसित करते हुए विकास कार्य भी किए गए थे। वर्तमान में हुए कब्जे से सारे कस्बे के लोग आहत हैं।