बीयू: लॉक डाउन में भी कला साधना में व्यस्त हैं कलाकार दिलीप
विभिन्न विषयों पर बना चुके एक दर्जन से अधिक चित्र
झांसी। विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण विश्व भर में मानवता को हिला कर रख दिया है। भारत में पिछले एक माह से भी अधिक समय से सभी बाजार, विश्वविद्यालय, शिक्षा एवं व्यावसायिक संस्थान या अन्य क्रिया कलाप पूरी तरह बंद हैं। देश के अधिकतर भागो में लोग सरकार द्वारा प्रस्तावित लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। लॉकडाउन की इस स्थिति में भी जबकि व्यक्तियों को अपने घर से बाहर जाने पर पाबंदी लगी है, वहीं नगर के विभिन्न कलाकार अपनी कला साधना में व्यस्त हैं। ऐसे ही एक कलाकार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में संचालित ललित कला संस्थान में कार्यरत शिक्षक दिलीप कुमार अपने घर पर रहकर ही अपनी कला साधना में व्यस्त हैं। वह विभिन्न विषयों पर अब तक दर्जनों चित्र बना चुके हैं।
कलाकार दिलीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वे लॉकडाउन का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। इस अवधि में उनके द्वारा कुल 15 कलाकृतियों का निर्माण किया गया है। इन कलाकृतियों में एक खजुराहो का लक्ष्मण मंदिर का चित्र भी है तथा शेष उनके रचनात्मक चित्र हैं। इन चित्रों का मुख्य विषय वर्तमान में चल रही महामारी कोविड-19 तथा समाज की अन्य विषमताओं को दर्शाना है।
हर चित्र का नाम के आधार पर है विश्लेषण
विषकन्या शीर्षक से बनाये चित्र के बारे में उन्होंने बताया कि इस चित्र के द्वारा यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि आज के समय में किस प्रकार संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस के प्रभाव में आ चुका है। एक अन्य चित्र ब्लैक मून विद फ्लावर नामक चित्र में कलाकार द्वारा चंद्रमा को पूरे विश्व के रूप में दिखाया गया है, तथा बताया गया है कि कोरोना नामक विषाणु के कारण विश्व के लोग बीमारी से मर रहे हैं। जिस से त्रस्त लोगों के पास इससे बचने का एकमात्र उपाय अपने घरों में ही रहना है। कलाकार दिलीप कुमार का यह चित्र समाज को एक संदेश भी दे रहा है। त्रिनेत्र नाम चित्र में जिसमें नीचे पानी को बहता हुआ दिखाया गया है और यह स्पष्ट करता है कि यदि हम अपनी सीमा के अंदर रहेंगे तो अपनी जिंदगी को इंद्रधनुष की तरह जी सकते हैं। इसके अतिरिक्त पंचतत्व नामक चित्र में व्यक्ति को पंचतत्व के आगे झुके हुए कमल के फूल पर बैठे हुए दिखाया गया है यह स्पष्ट करता है कि हमें प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। दिलीप कुमार ने बताया की उनके द्वारा बनाये गए अन्य चित्रों में लक्ष्मण मंदिर खजुराहो, जोकर, एक संवेदनशील चेहरा तथा आदिवासी महिला का चित्र प्रमुख है। उन्होंने बताया कि उनके इन चित्रों में तैलीय तथा एक्रेलिक रंगों का प्रयोग किया गया है.
ललित कला अकादमी स 2019-20 के लिए पुरुस्कृत कलाकार हैं दिलीप
गौरतलब है कि वर्तमान में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान में कार्यरत शिक्षक दिलीप कुमार उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी से सत्र 2019-20 के लिए पुरस्कृत कलाकार हैं। इसके अतिरिक्त गोरखपुर, झाँसी, दिल्ली, गोवा आदि कई स्थानों पर उनके बनाये चित्रों की प्रदर्शनी लग चुकी है।