बायोजेनरिक्स वर्तमान में उभरती नई परन्तु एक महंगी तकनीक: कुलपति
बी.यू.के बायोटेक्नोलाॅजी इजींनियरिंग विभाग में हुआ वेबिनार
झांसी। बायोजेनरिक्स वर्तमान में मानव स्वास्थ्य के लिए तेजी से उभरती नई परन्तु एक महंगी तकनीक है। आज आवश्यकता इस बात पर विचार करने की है कि बाजार में बायोजेनरिक्स की आर्थिक फिसिबिलिटी किस प्रकार बढाई जा सकती है। मुझे विश्वास है कि आज के इस महत्वपूर्ण विषय पर आधारित इस वेबिनार के माध्यम से विशेषज्ञों के द्वारा इन प्रश्नों का उत्तर ढूढंने का प्रयास किया जायेगा। यह विचार आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे.वी.वैशम्पायन ने व्यक्त किये। प्रो.वैशम्पायन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बायोटेक्नोलाॅजी इंजीनियरिंग विभाग में टेक्विप-3 के तत्वाधान में आयोजित बायोजेनेरिक्स एवं इंडस्ट्रियल बायोटेक्नोलाॅजी करंट सिनेरियो इन प्रेजेंट सिचुएशनः कोविड-19 विषयक वेबिनार के उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि बायोप्रोसेस टेक्नोलाॅजी तभी सफल मानी जाएगी जब यह इकोनाॅमिकली फिसिबिल भी हो।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए वेबिनार के संयोजक इंजीनियर ब्रजेंद्र शुक्ल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कहा कि आज पूरा विश्व बायोप्रोसेस टेक्नोलाॅजी के आॅप्टिमाइजेशन पर शोध कर रहा है। जिससे बायोजेनेरिक्स की कीमतों को कम किया जा सके। विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संस्थान तथा टेक्विप-3 के निदेशक प्रो.एस के कटियार ने सभी विषेशज्ञों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं वेबिनार के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर वेबिनार के सह संयोजक इंजी. मुकुल सक्सेना, आयेाजन सचिव डा.रंजीत सिंह, डा.आनंद कुमार पांण्डेय, डा.गौरव श्रीवास्तव, इंजी.महेंद्र प्रताप सिंह,डा.बृजेंद्र कश्यप तथा इंजी.पल्लवी पुष्प उपस्थित रहे। विभाग के समन्वयक इंजी.दिनेश द्विवेदी ने इस प्रोग्राम के सफल आयोजन पर विषेशज्ञों तथा प्रतिभाािगयों तथा सभी सहयेागियो को धन्यवाद ज्ञापित किया।
सिंगल यूज बायोप्रोसेसिंग की आवश्यकता पर बल
वेबिनार में आई.आई.टी. बी.एच.यू. के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.एमिरेट्स एस.के.श्रीवास्तव ने कोविड-19 की दवा के निर्माण के क्षेत्र में इंडस्ट्रीज में होने वाले परिवर्तनों, मानव संसाधन में आवश्यक स्किल डेवलपमेंट, और प्रोसेस तककनीक के साथ-साथ दवा के फाॅर्मूलेशन पर भी प्रकाश डाला। प्रो.श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने बायोजेनेरिक्स के निर्माण हेतु सिंगल यूज बायोरिएक्टर जैसे विकल्प का विकास किर लिया है, डेवलप किया है। साथ ही उन्होंने सिंगल यूज बायोप्रोसेसिंग की बात की आवश्यकता पर बल दिया।
बायोजेनेरिक्स के प्रोडक्शन प्रोसेस पर गहन शोध की आवश्यकता
टेक्नोलॅाजी इंफाॅर्मेशन फोरकास्टिंग एंड एसेसमेंट गवर्नमेंट आॅफ इंडिया, नई दिल्ली के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर तथा आई.आई.टी. बी.एच.यू. के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो प्रदीप श्रीवास्तव ने बायोजेनरिक्स एंड बायोलाॅजिकल्स के विषय पर अपना विस्तृत व्याख्यान देते हुए विश्व बाजार में बायोजेनेरिक्स के प्रोडक्शन तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बायोजेनेरिक्स के प्रोडक्शन प्रोसेस पर गहन शोध की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके निर्माण में अत्यंत सावधानी की आवश्यकता है क्योंकि बायोजेनेरिक्स प्रोडक्ट्स बायोलाॅजिकल सेल से ही प्रोड्यूस किया जाता है। उन्होेने कहा कि यह समय बायोजेनेरिक्स का ही है और ऐसे प्रयास किये जाने चाहिये कि इन बायोजेनेरिक उत्पादों की कीमत कम से कम की जा सके।