फंसे हुए लोगों को दूसरे प्रदेशों से बुला रहे सीएम, हमें भी घर पहुंचा दो

मप्र-उप्र सीमा पर घुसपैठ में असफल धरने पर बैठे मजदूरों की करुण पुकार
झांसी। लाॅकडाउन के दूसरे चरण के 13 दिन निकलने के बाद भी आज तक विभिन्न प्रदेशों से मजदूरों की वापसी का प्रकरण शांत नहीं हो पा रहा है। रक्सा थाना क्षेत्र में कोटा-शिवपुरी मार्ग पर अपने गांव अपने घरों तक पहुंचने के लिए फंसे ऐसे सैकड़ों मजदूरों ने उप्र व मप्र की सीमा पर सोमवार को हाईवे जाम कर दिया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि उन्हें उनके घर जाने दिया जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से करुण पुकार करते हुए कहा कि वह अन्य प्रदेशों में फंसे हुए लोगों को निकालकर अपने-अपने घर पहुंचा रहे हैं। जब हम आधी से ज्यादा यात्रा तय कर यहां पहुंच गए हैं तो फिर हमें भी अपने घर पहुंचा दें।
कोई मुंबई से चलकर आ रहा था तो कोई कोटा में मजदूरी कर एक महीने से चल रहे लाॅकडाउन के चलते निराश होकर अपने गांव का रुख कर चुका है। ऐसे हर एक मजदूर की अपनी कहानी थी। शिवपुरी-कोटा हाइवे पर उप्र और मप्र की सीमा पर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। जाम में कोटा व अन्य स्थानों से छात्रों व मजदूरों को लेकर परमीशन वाले वाहन भी फंस कर रह गए। नारेबाजी करते हुए वे कह रहे थे-हमारी मांगें पूरी करो। जब उनसे पूछा गया कि उनकी मांगें क्या हैं तो उन्होंने बताया कि वे कोटा,सूरत,मुंबई आदि से चलकर आ रहे हैं। उन्हें किसी भी राज्य की सीमा में इस तरह से नहीं रोका गया। कहीं उन्हें पैदल चलना पड़ा तो कहीं उन्हें किसी वाहन ने शरण देकर आगे तक छोड़ा है। बीते दो दिनों से वे उप्र-मप्र के इस सीमा पर फंस कर रह गए हैं। उन्होंने कई बार वहां से निकलने की कोशिश की। लेकिन उन्हें वापस वहीं बिठाए रखा। उनके भोजन आदि की भी ठीक से व्यवस्था नहीं हो सक रही है। उन्होंने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुकार करते हुए कहा कि योगी जी विभिन्न प्रदेशों में फंसे छात्रों व मजदूरों को वापस बुला रहे हैं। उन्हें अपने गांव अपने घर तक भेज रहे हैं। ऐसे में उनकी भी पुकार वे सुन लें और उन्हें उनके घर तक पहुंचा दें।
जाम की सूचना पर उत्तर प्रदेश व मप्र के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर जा पहुंचे। झांसी जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी,एसएसपी डी प्रदीप कुमार,एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव व दो सीओ समेत रक्शा थाना पुलिस,प्रेमनगर थाना पुलिस समेत कई थानों की पुलिस वहां जा पहुंची। अधिकारियों ने मजदूरों की बात सुनी। उन्हें भोजन कराया। और उनका नाम पता दर्ज करते हुए क्वारेंटाइन करने के आदेश दे दिए। ट्रकों में भरकर मजदूरों को पैरामेडिकल काॅलेज में क्वारेंटाइन के लिए भेजा जा रहा था।
शाम तक भी नहीं हट पाई थी मजदूरों की भीड़
समाचार लिखे जाने तक मप्र-उप्र सीमा पर मजदूरों की भीड़ कम नहीं हो पाई थी। मजदूर सड़क किनारे बैठे अपने घर पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे थे। कुछेक तो यह भी बताते नजर आए कि उन्हें जाने ही नहीं दिया जा रहा है।
बोले मप्र के थानाध्यक्ष,बिना अनुमति मजदूरों को रोकने पर लग गया था जाम
मप्र के जिगना थाना प्रभारी शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र व भीमंडी से करीब 20 आईसर ट्रक व छोटा हाथी से भरकर मजदूर निकलकर आ गए थे। उनके पास यूपी बाॅर्डर से निकलने की अनुमति नहीं थी इसलिए उन्हें यहां पर रोक दिया गया था। इस पर उन्होंने जाम लगाकर उन्हें उनके गंतव्य तक भेजे जाने की मांग की थी। जानकारी पर यूपी के अधिकारी यहां पहुंचे। सभी को भोजन कराया। उनके लिए व्यवस्था करवाकर उन्हें भिजवा दिया गया है।

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