पूरे दिन सामाजिक दूरी बनवाने में जनता से जूझता रहा प्रशासन

कहीं हुआ पालन तो कहीं गोले बने होने के बाद भी लोग नहीं हुए गंभीर
झांसी। कोरोना वाॅयरस की दहशत से जूझ रहे भारत में लोग सामाजिक दूरी बनाना नहीं सीख पा रहे हैं। गुरुवार को पूरे दिन महानगर में पुलिस और प्रशासन जनता को सामाजिक दूरी बनाना सिखाता रहा। हालांकि जनता इस सबक को पूरी तरह से नहीं सीख पाई। इसके चलते कहीं लोग काफी प्रयास के बाद उचित दूरी में पंक्तिबद्ध खड़े दिखाई दिए तो कहीं गोले तो बने मिले लेकिन लोग उनमें दूरी बनाकर खड़े होने के लिए गंभीर नहीं दिखे।
कोरोना वाॅयरस की विभीषिका से निपटने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 24 मार्च को देश भर को लाॅक डाउन करने की घोषणा की थी। इसके पीछे उनका उद्देश्य इस महामारी को मात देने के लिए उसके चेन रिएक्शन को तोड़ना था। परन्तु दो दिन बीतने के बाद भी महानगर के लोग यह नहीं सीख पाए कि इस पूरे लाॅक डाउन का मकशद उनके जीवन को बचाना है। और इसके लिए उन्हंे उचित सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। गुरुवार को पूरे दिन प्रशासन इसके लिए जनता के बीच जद्दोजहद करता नजर आया। हालांकि कुछ स्थानों पर इसका फायदा देखने को भी मिला। आशिक चैराहे पर लोग सब्जी लेने के लिए उचित दूरी पर एक लम्बी कतार में दिखे। तो वहीं सीपरी बाजार क्षेत्र की राशन की दुकानों पर प्रशासन व पुलिस की टीम द्वारा उचित दूरी पर गोले बनाए जाने के बाद भी लोग गंभीर नहीं दिखे। इसके इतर लोग बेतरतीब खड़े होकर सामान लेते दिखे। उन्हें इस बात का बिल्कुल भी भय नहीं था कि कोरोना एक छूत की बीमारी है। किसी के संपर्क में आने से वह इससे पीड़ित हो जाएगा तो क्या होगा। कुछ स्थानों पर पुलिस द्वारा रोके जाने पर लोग जबरन बहाना बनाते नजर आए। इसके लिए पहले से ही वे अपने साथ अपनी पत्नी या किसी अन्य महिला को लाकर उसे दिखाने की बात बताते दिखे। हालांकि उनके चक्कर में सीपरी बाजार थाने की मसीहागंज चैकी पर वृद्ध लोगों को वास्तव में दवा के लिए जाने पर पुलिस को बहानेबाजी का संदेह हो गया। बाद में पुलिस समझ सकी कि उन्हें बाकई मेडिकल स्टोर पर जाने की जरुरत है। खाती बाबा क्षेत्र में लोग सड़कों पर टहलते नजर आए। तो बड़ागांव गेट बाहर लोग अपना समय पास करने के लिए सड़क पर टहलते मिले। जबकि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर प्रदेश के मुखिया योगी,मण्डायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा व जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी लगातार लोगों से उचित दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। यह जनता को खुद सोचना पड़ेगा कि उसे कोरोना से कैसे सुरक्षित रहना है। महज दिखावे में रहकर अथवा नियमों का पालन करते हुए।

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