पिता की तलाश में कई किलोमीटर रेल की पटरियों पर रोते बिलखते चला मासूम
ट्रेन से कटकर पिता की हो चुकी मौत, आरपीएफ ने मासूम को परिजनों के सुपुर्द किया
झांसी। शादी समारोह सम्पन्न होने के बाद एक युवक अपने तीन वर्षीय पुत्र के साथ बीती रात घूमने के लिए निकला। रात्रि के अधेरे में रेलवे लाइन के पास मासूम अपने पिता से अलग हो गया तो वह रोते बिलखते रेल की पटरियों पर अपने पिता की तलाश करते हुए कई किलोमीटर चलते हुए मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन जा पहुंचा। वहां स्टेशन मास्टर व रेल सुरक्षा बल कर्मीयों की नजर बच्चे पर पड़ी तो उन्होंने उसे रोककर जानकारी करना चाही। लेकिन मासूम द्वारा कुछ न बता पाने की स्थिति में सुबह होने इंतजार करते हुए बच्चे को कार्यालय में ले गये। सोमवार की सुबह एक युवक का शव पटरियों के किनारे मिला। जो बच्चे का पिता था।
रविवार को मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर संजय सिंह पटेल अपने कर्मचारियों के साथ रात्रि ड्यूटी पर थे। तभी रात्रि में करीब साढ़े 11 बजे रेल की पटरियों पर करीब 3 वर्ष का बच्चा रोते बिलखते हुए मेलोनी रोरा की तरफ से पैदल आता हुआ दिखाई दिया। इस पर आरपीएफ ने बच्चे को रोककर उससे पूछताछ की तो बच्चा कुछ नहीं बता सका तो कर्मचारियों ने सुबह का इंतजार करना उचित समझा और बच्चे को कार्यालय में ले गये। सोमवार की सुबह सूचना मिली कि रोरा की तरफ ग्राम मेलोनी के पास पटरियों के किनारे एक युवक का शव पडा हुआ है। जिसकी सूचना कोतवाली प्रभारी सत्यपाल सिंह को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक अजय पुत्र मुलायम आदिवासी निवासी खरो थाना लिधौरा मध्य प्रदेश अपनी छोटी साली की शादी में शामिल होने ग्राम मेलोनी आया था। शादी समारोह सम्पन्न होने के बाद जब सभी लोग सोने की तैयारी कर रहे थे तभी अजय अपने 3 वर्षीय पुत्र मिट्ठू को लेकर घर से निकल आया। इसके बाद वह गांव के पास से निकली रेलवे लाइन के किनारे बैठ गया। आशंका जताई जा रही है कि रात्रि के समय किसी मालगाड़ी की चपेट में आने से अजय की मौत हो गई और बच्चे को अधेरे के कारण पिता की कोई आहट न मिलने पर वह रोते बिलखते पिता की तलाश में पटरियों पर चलता हुआ मऊरानीपुर स्टेशन जा पहुंचा। वही रेलवे स्टेशन पहुंचे बच्चे के नाना कन्हैया लाल आदिवासी को आरपीएफ ने मासूम उनके सुपुर्द कर दिया।