परिवार की अकेली माताओं के छोटे बच्चों की मदद करेगी बाल कल्याण समिति
समिति की पांच सदस्यीय टीम कर रही काम
झांसी। गोद में दुधमुंहा बच्चा है और आप सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित हैं, या यूं कहें कि आप में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों ने क्वारन्टाइन रहते हुए लंबे उपचार की सलाह दी है। लेकिन आपकी मुश्किल यह है कि बच्चे की देखभाल करने वाला परिवार में कोई दूसरा नहीं है। ऐसे में आपके दुधमुंहे की देखभाल कौन करेगा, इससे घबराने और परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे मुश्किल वक्त में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) आपके बच्चे की पूरी देखभाल कर सकती है। यह बात जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल ने कही।
जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल ने बताया कि यदि कोरोना संक्रमित कोई महिला जिलाधिकारी के माध्यम से मांग करती है कि उसके इलाज के दौरान बच्चे की देखभाल की व्यवस्था की जाये, क्योंकि उसके परिवार में कोई भी ऐसा नहीं है जो बच्चे की देखभाल कर सके। इस मांग पर जिलाधिकारी बाल कल्याण समिति को इस बारे में आदेशित कर सकते हैं। इसके बाद समिति बच्चे की समुचित देखभाल के लिए शिशु गृह या किसी सामाजिक संस्था को सौंप सकती है। उन्होंने बताया कि चूंकि बच्चे की मां संक्रमित है, ऐसे में बच्चे को भी शुरू में क्वारन्टाइन जैसी ही व्यवस्था देनी होगी। जनपद में 10 वर्ष से कम के बच्चों के लिए एनजीओ द्वारा संचालित दो संस्थान है। इससे बड़े बच्चों के लिए चाइल्ड केयर लाइन नंबर 1098 का सहयोग लिया जा सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान ने प्रसूताओं के लिए जारी किये दिशा-निर्देश
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में तमाम माताएं बच्चों को जन्म दे रही हैं। ऐसे में उन्हें अपने साथ ही अपने दुधमुंहे की भी चिंता सताती है। इस संबंध में गर्भवती महिलाओं और जच्चा-बच्चा को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उसके अनुसार यदि कोई मां कोरोना से संक्रमित हो तो उसके बच्चे को मां से तब तक अलग रखा जाना चाहिए, जब तक कि वह पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाती है। आईसीएमआर के अनुसार यदि गर्भवती को सर्दी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है अथवा कोरोना वायरस या इससे संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने का संदेह है, तो तुरंत ही चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। कोरोना संक्रमण काल में प्रसूताओं को विशेष साफ-सफाई रखनी चाहिए। वह सदैव मास्क पहनकर रहें। नवजात को उठाने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं। गर्भवती और प्रसूताएं कम से कम लोगों के संपर्क में रहें। संभव हो तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें। यदि बाथरूम साझा हो तो इस्तेमाल करने से पहले उसे सेनेटाइज जरूर करें।