परमार्थ ने शुरु की प्रवासी मजदूर रसोई,खाने के साथ नहाने की भी है व्यवस्था
संस्था प्रमुख बोले,गरीब नारायण की सेवा से बड़ा धर्म नहीं
झांसी। कोरोना के कहर ने जहां लोगों को अपने घरों में रहने के लिए मजबूर किया है तो दूसरी ओर स्वयंसेवी संस्थाओं के रुप में मानव सेवा का वह चेहरा भी उभरकर सामने आ रहा है जिसे अभी तक लोग नहीं देख सके थे। लोग अक्सर यह कहने के लिए मजबूर रहते थे कि अब व्यवसायिकता हावी हो गई है। किलोमीटरों पैदल चलकर अपने गांव पहुंचने की ललक में परिवार व बच्चों के साथ चल रहे मजदूरों की सेवा करने को परमार्थ संस्था अपना सौभाग्य समझती है। इन लोगों के लिए परमार्थ ने सोमवार को प्रवासी मजदूर रसोई की शुरुआत कर दी है। इस रसोई की खासियत है कि इसमें खाने के साथ नहाने से लेकर बैठकर थके हुए लोगों को आराम करने तक की व्यवस्था है। संस्था प्रमुख का कहना है कि यह रसोई तब तक संचालित होती रहेगी जब तक लाॅकडाउन जारी रहेगा।
परमार्थ समाज सेवी संस्थान के द्वारा झांसी में राष्ट्रीय राजमार्ग 25 पर प्रवासी मजदूर रसोई की शुरूआत की, इस रसोई को शुरू करने का उददेश्य महानगरो से अपनें गांव की तरफ वापस जा रहे लोगों को चाय, नाश्ता, भोजन उपलब्ध कराना है। लाॅकडाउन के 28 दिन बाद भी महानगरो हैदराबाद, मुम्बई, कोटा, पुणे, नागपुर से प्रवासीय मजदूर अपने घरो की तरफ लगातार वापस जा रहे है। इन मजदूरों को जहां पर भी वाहन मिल जाता है। वहां वाहन ले लेते है वरना यह अपना सफर पैदल ही पूरा कर रहे है। अंधिकाश ऐसे घर वापस जा रहे मजदूरों को समय से भोजन, चाय, नाश्ता नहीं मिल रहा है। परमार्थ संस्था के द्वारा प्रवासीय मजदूर रसोई का शुभारम्भ झांसी में सखी के हनुमान पर किया है। यहां पर संस्था के स्वयंसेवक महानगरांे आने वाले मजदूरों को स्नान आदि की सुविधा प्रदान करते हैं। उनकी इच्छा के अनुसार चाय, नाश्ता भोजन उपलब्ध कराते हैं। जहां पर यह रसोई खोली गयी है वहां पर बैठने, नहाने आदि के लिए व्यवस्था की गई है। भोजन भी वही पर तैयार किया जा रहा है। इस रसोई के संचालन में मालती देवी, जो गृह स्वामिनी है उनके द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है। इस रसोई के प्रबधंक सुनील कुशवाहा ने बताया कि प्रतिदिन सैकडों मजदूर यहां से निकल रहे है, जो बांदा, उरई, कानपुर, गोरखपुर, गाजीपुर, औैरैया, फतेहपुर की तरफ जा रहे है। संस्था के प्रमुख व बुन्देलखण्ड में पानी बचाने की पहल में अगुआ संजय सिंह ने कहा कि जब तक वाहन नही चलेगे तब तक इस रसोई का संचालन अनवरत रूप किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सेवा का कोई रुप नहीं होता है। संस्था को जौहर नगर में राशन की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया था,उसे भी संस्था सफलता पूर्वक निभा सका है। उन्होंने कहा कि गरीब नारायण की सेवा से बड़ा धर्म नहीं है।