पंकज महाराज ने टहरौली में बहाई सत्संग की पावन धारा
टहरौली (झांसी) – विश्वविख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज जी महाराज ने राजीव गांधी पूर्व मा. विद्यालय बमनुआ, टहरौली में आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन किया । उन्होंने सन्तों, महापुरुषों के सत्संग की महिमा का बखान करते हुये कहा ‘‘सत्संग कैसे जानिये, जित एकै नाम बखान’’। सत्संग वह जगह है जहां मालिक से मिलने का पे्रम, प्यार पैदा किया जाता है। सत्संग में किसी की निन्दा, आलोचना नहीं की जाती। सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है। सत्संग से विवेक जागृत होता है।
उन्होंने कहा मानव शरीर सर्वश्रेष्ठ है इसमें से प्रभु के पास जाने का एकमात्र दरवाजा है जिसका भेद केवल सन्त-महात्मा जानते हैं इसलिये प्रभु की प्राप्ति करने वाले सन्त, महात्मा की तलाष करनी चाहिये। वह जब मिल जायेंगेे ंतो भजन का रास्ता बता देंगे। जब उनकी बताई साधना करेंगे देवी, देवता, ब्रह्माण्डों को देखने की दिव्य दृष्टि खुल जायेगी, वेदवाणियां, अनहदवाणियां, कलमा सनाई देने लगेगा। आप का रोम-रोम पुलकित हो जायेगा। उस रूहानी संगीत को सुनने के लिये साधना करें। गुरु कृपा से वह रूहानी दौलत प्राप्त हो जाती है। जीवन धन्य हो जायेगा।
जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के अध्यक्ष ने स्मरण कराया कि जब हम लोग मां के पेट में थे तो सबने वादा किया था कि अबकी बार हे प्रभु! हम आप का भजन करेंगे, भक्ति करेंगे। लेकिन अपने वादों को भूल गये। मन, बुद्धि, चित्त रूपी जो औजार आप को मिले थे उससे दुनिया में रिष्ते बना लिये और दुनिया को अपना मानकर बैठ गये। जब श्वांसों का भण्डार खाली हुआ तो जीवात्मा को इस शरीर से निकाल कर बाहर कर दिया। पलक झपकते ही धर्मराज की कचहरी में फैसला सुना दिया, ले जाओ इनको नर्कों की भयानक सजायें दो। क्योंकि इनसे कहा गया था कि किसी सन्त सतगुरु की तलाष करके अपनी आत्मा का कल्याण करा लेना लेकिन इस काम किया नहीं। इसलिये अभी समय है अपनी आत्मा के कल्याण की चिन्ता करें। दुबारा यह मानव शरीर का अवसर मिलने वाला नहीं। पछताते रह जाओगे।
महाराज जी ने कहा मानव की केवल एक ही जाति है वह है मानव। जाति-पांति के झगड़े मन की खुराफात है। वर्ना सन्तों, महात्माओं का सन्देष व मार्ग इतना सरल है जिसे पांच साल का बच्चा व बूढ़ा भी कर सकता है। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आत्माओं के कल्याण व अच्छे समाज के निर्माण के लिये अथक परिश्रम किया। शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध का अभियान चलाया। परिणाम स्वरूप करोड़ो लोग उनसे जुड़ कर भगवान के भजन में संलग्न हो गये।
उन्होंने बताया कि लोगों में भजन भक्ति की भावना जागृत करने, परस्पर पे्रम सद्भाव, सामाजिक समरसता लाने, शाकाहार-सदाचार अपनाने, मद्यनिषेध, मेहनत और ईमानदारी से अपनी रोजी-रोटी कमाने और थोड़ा सा समय भगवान के भजन में देने की पे्ररणा देने के प्रयोजन से हम 40 दिवसीय बुन्देलखण्ड जनजागरण की आध्यात्मिक-वैचारिक धर्म यात्रा पर निकले हैं। हम सबसे अपील करते हैं कि अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें। नई पीढ़ी के बच्चों में अच्छे संस्कार डालें। आंखों में मां, बहन, बेटी की पहचान से हमारा समाज अच्छा चलेगा। इसलिये चरित्र जैसे धन को संचित करें और मानवतावादी बनें। उन्होंने आगामी 9, 10, 11 मार्च को होली के अवसर पर जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले होली सत्संग कार्यक्रम में भाग लेने का निमंत्रण दिया ।
इस अवसर पर संस्था के कई पदाधिकारियों व प्रबन्ध समिति के सदस्यों सहित झांसी संगत के अध्यक्ष आर.डी.यादव, रणजीत पाल, इमरान खान, किषोरी लाल यादव, उमाशंकर यादव, बाबूलाल रावत आदि सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। सत्संग के बाद यात्रा अपने अगले पड़ाव मड़ोर जिला निवाड़ी (म.प्र.) के लिये प्रस्थान कर गई ।