नौतपा में पड़ती है झुलसा देनी वाली गर्मी, मानसून की स्थिति का होता है आंकलन
इस बार भी भीषण गर्मी पड़ने के आसार, आंधी और बारिस की भी संभावना
झांसी। पूरे देश में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप है लेकिन प्रत्येक वर्ष 25 मई से शुरू होने वाली एक विशेष खगोलीय घटना इस प्रकोप को और बढ़ा देती है। बुंदेलखंड क्षेत्र में इस घटना को नौतपा के नाम से जाना जाता है। 25 मई से आगामी 9 दिन तक इस वर्ष भीषण गर्मी की संभावना जताई जा रही है। ऐसा माना जाता है कि नौतपा मे भीषण गर्मी के साथ जब पूरी धरती तपने लगती है तभी मानसून की बेहतरी की अपेक्षा की जा सकती है। यदि इस बीच गर्मी कमजोर रहती है तो मानसून के बारे में व्यक्ति ससंकित हो जाता है।
ऐसी मान्यता है कि बुंदेलखंड में चट्टानी सतह होने के कारण तापमान में बहुत इजाफा होता है। चट्टानी सतह धीरे धीरे गर्म होती है और बहुत धीरे धीरे ही ठंडी होती है अतः लोगों को देर रात बाद ही भीषण गर्मी से कुछ राहत मिल पाती है। तापमान 44 से 45 तक जाने से हवाओं में आद्रर्ता की भी कमी हो जाती है और जबरदस्त गर्म सतह से उठने वाली सूखी हवा झुलसा देनी वाली गर्मी का एहसास कराती है। तेज गर्मी में स्थानीय स्तर पर कम दबाव के क्षेत्र बन जाने से कभी कभी छोटे छोटे चक्रवात बनते हैं जिससें आने वाले तेज हवाओं और आंधी से यहां लोगों को कुछ राहत मिलती है लेकिन वास्तविक राहत मानसून के आने के बाद ही मिल पाती है।
नौतपा के मामले में ज्योतिष शास्त्रियांे,मौसम वैज्ञानिकों और पुराणों की अपनी अलग-अलग मान्यता है। कोई नौतपा को नक्षत्र परिवर्तन का कारण बताता है तो कोई इसे सूर्य से पृथ्वी की दूरी को लेकर संभावना जताता है। सबका लेकिन एक मत है कि इस दौरान भीषण गर्मी पड़ने से चारों ओर त्राहि-त्राहि मचने लगती है। साथ ही इस गर्मी के पड़ने या इस बीच बारिस होने के साथ आंधी तूफान आने पर अलग अलग मान्यताओं का भी चलन है।
प्रसिद्ध आचार्य भगवत नारायण तिवारी का है कहना,अच्छी बारिस के हैं संकेत
प्रसिद्ध आचार्य भगवत नारायण तिवारी ने रविवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत के दौरान बताया कि ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि अर्थात 25 मई को सूर्य कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और आठ जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा । सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जायेगा। पिछले कुछ वर्षों से सूर्य 25 मई को ही रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहा है और इस वर्ष भी ऐसा ही होगा। आज रात दो बजकर 32 मिनट पर सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करेगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तब पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। खगोलीय विज्ञान के अनुसार इस दौरान धरती पर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं और इसी कारण तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है। कई ज्योतिषों का यह भी मानना है कि यदि नौतपा के सभी दिने पूरे तपते हैं तो यह अच्छी बारिश के संकेत होते हैं।
शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा जरुरी वर्ना आ सकते हैं गर्मी की चपेट में
उन्होंने बताया कि सूर्य तेज और प्रताप का प्रतीक है जबकि चंद्रमा शीतलता का , रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चंद्रमा होता है। सूर्य जब चंद्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेता है जिस कारण गर्मी बहुत तेजी से बढ़ती है और धरती पर आंधी तूफान आने लगते हैं। तापमान बढ़ने से शरीर तेजी से डिहाइड्रेड होने लगता है इसलिए ऐसे में कई बीमारियों जैसे डायरिया, पेचिश और उल्टी आदि की आशंका बढ जाती है। इस दौरान शरीर में पानी की मात्रा संतुलित बनाये रखने के लिए नींबू पानी, छाज, खीरा,ककड़ी , तरबूज और खरबूजे जैसी चीजों का सेवना आवश्यक हो जाता है।
पानी की कमी से बीमार न पड़ने के लिए लगाई जाती है मंेहदी
पौराणिक मान्यता है कि नौतपा में महिलाएं हाथ और पैरों में मेंहदी लगाती है क्योंकि मेंहदी की तासीर ठंडी होती है । इन दिनों पानी खूब पिया जाता है और जल का दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न पड़े। तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन, दूध और नारियल पानी के अलावा ठंडक प्रदान करने वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।
शुक्र तारे के अस्त होने का भी है योग
आचार्य ने एक अन्य खगोल घटना शुक्र तारे के अस्त होने के प्रभाव का भी वर्णन करते हुए बताया कि यह ग्रह 30 मई को वक्री होकर अपनी ही राशि में अस्त हो जायेगा और सूर्य के साथ रहेगा। सूर्य के साथ शुक्र भी वृषभ राशि में रहेगा। शुक्र रसप्रधान ग्रह है इसलिए गर्मी से कुछ राहत देगा। इस कारण देश के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर आंधी तूफान के साथ बारिश की संभावना भी बनेगी। नौतपा के आखिरी दो दिनों में तेज हवा और आंधी के साथ बारिश के भी योग बन रहे हैं।
पर्वतीय व रेगिस्तानी क्षेत्रों में अच्छी बारिस की संभावना
बारिश की संभावनाओं पर आचार्य ने बताया कि इस वर्ष प्रमादी संवत्सर के राजा बुध हैं और रोहिणी का निवास संधि में है। इससे बारिश तो समय पर ही होगी लेकिन कहीं ज्यादा तो कहीं कम हो सकती है। देश के पर्वतीय और रेगिस्तानी इलाकों में ज्यादा बारिश हो सकती है। अच्छी बारिश के कारण अनाज और धान की पैदावार अच्छी होगी । फसलों में जौ, गेंहू, राई ,सरसों,चना ,बाजरा और मूंग की पैदावार अच्छी होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान भी दे रहा भीषण गर्मी के संकेत
मौसम विज्ञानी मुकेश चंद्र ने भी नौतपा के दौरान जबरदस्त गर्मी पड़ने की बात बतायी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सूर्य पृथ्वी के काफी नजदीक कर्क रेखा के बेहद नजदीक होेता है जिसके कारण देश में भीषण गर्मी का प्रकोप होता है और यह तेज गर्मी अच्छे मानसून की भी परिचायक मानी जाती है हालांकि मानसूनी हवाओं पर कई अन्य कारकों का भी प्रभाव होता है लेकिन तेज गर्मी के कारण मानसूनी हवाओं के तेजी से भारतीय उपमहाद्वीप की ओर आने की संभावना बलवती होती है।