दक्षता के हिसाब से दें कार्य,रोजगार की नहीं कोई कमी,विजन जरुरी: मण्डलायुक्त
झांसी। कोरोना वाॅयरस की विभीषिका से निपटने के लिए वर्तमान में देश में लाॅकडाउन-2 चल रहा है। लाॅकडाउन के चलते सबकुछ ठप होने के कारण विभिन्न महानगरों से भारी संख्या में मजदूर घर वापसी कर चुके हैं। उन्हें काम देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर रणनीति बनाई जा चुकी है। मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने सभागार में मंडल के विभिन्न प्रदेशों व जिले से आए श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने तथा भरण-पोषण भत्ता दिए जाने के संबंध में बैठक आयोजित की। उन्होंने कहा कि काम रोजगार की कोई कमी नहीं है। हर हाथ को काम देने की रणनीति तय कर ली गई है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अधिकारी विजन डवलप करें ताकि रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सके। अपनी सोच का दायरा बढ़ाते हुए ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के अंतर्गत अन्य कार्यों को टेकअप करें। श्रमिकों की रुचि को देखते हुए उनसे कार्य कराया जाए। एन आर एल एम का भी विस्तार किया जाए। विभागीय अधिकारी अपने विभाग की योजनाओं से ही लाभान्वित करने का प्रयास करें। मंडल में दिहाड़ी मजदूरों को भरण पोषण हेतु एक हजार रुपए दिए जाने की स्थिति बेहद संतोषजनक है। त्वरित गति से जारी श्रमिकों का पंजीकरण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। रोजगार मेले आयोजित करने के लिए अभी से प्लान तैयार कर ले। रोजगार देना प्रशासन की प्राथमिकता है। लोगों को काम दे, उन्हें भूखा ना रहने दें। इस मौके पर अपर आयुक्त सर्वेश कुमार दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, जेडीसी चंद्रशेखर शुक्ला, डीडी पंचायत संजय बरनवाल सीडीओ जालौन प्रशांत कुमार श्रीवास्तव,सीडीओ ललितपुर अनिल कुमार पांडे, पीडी डा. आरके गौतम सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
ग्रामीण स्तर पर मनरेगा से जोडें कार्य
मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने बैठक में ग्राम्य विकास विभाग, श्रम विभाग, उद्योग विभाग, सेवायोजन विभाग, उद्यान विभाग सहित एन आर एल एम व मनरेगा से जुड़े अधिकारियों से कहा कि आपसी सामंजस्य बनाते हुए मंडल में अपने श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराएं। सर्वे कर ले कि बाजार में क्या जरूरत है उसका प्रशिक्षण दिया जाए ताकि तुरंत रोजगार मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को विजन डपलप करने का सुझाव देते हुए कहा कि नई सोच के साथ नए रोजगार की तलाश करें। विभाग की ढेरों योजनाओं में से ही लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं। यह सब करने में अधिक समय न लगे क्योंकि जो श्रमिक आ गए हैं और जो आने वाले हैं सभी को तुरंत रोजगार देना होगा।
दक्षता के हिसाब से दें कार्य
विभागवार चर्चा करते हुए रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए, बैठक में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ऐसे श्रमिको को मनरेगा से जोड़ते हुए तालाब खुदाई, गहरीकरण व सफाई आदि कार्य कराएं। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कुओ की खुदाई कराएं, जो कुए हैं उनका गहरीकरण हो तथा उनकी साफ-सफाई प्राथमिकता से कराएं क्योंकि कार्य के क्षेत्र तो लाभ होगा। ऐसे श्रमिक गांव के है तो गांव से जुड़े रहेंगे। उन्होंने जल संरक्षण, जल संचय व जल संवर्धन के कार्यों को भी बड़ी संख्या में कराए जाने के निर्देश दिए, कृषि कार्य से ही बच सकते हैं। सुझाव देते हुए कहा कि यदि फावड़ा नहीं चलाना जानता है तो उसे कोई अन्य योजना से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि आए हुए परिवार क्या काम करते हैं उन्हें वही काम दिया जाए।
…ताकि काम में न आए कोई परेशानी
मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि जिलों में मनरेगा के लगातार कार्य होते रहें, यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए। एन आर एल एम के अंतर्गत ऐसे परिवारों की महिलाओं को समूह से जोड़े जाने के निर्देश दिए। ऐसी महिलाएं जो शहरी जीवन जीने की आदी हैं उन्हें बैंक से लोन दिलाते हुए रोजगार से जोड़ा जाए। ग्रामीण क्षेत्र में छोटे-छोटे उद्योग को बढ़ावा दें। स्वयं सहायता समूह को रिवाल्विंग फंड यदि उपलब्ध करा दिया जाए तो कार्य करने में आसानी होगी। उन्होंने महिला समूह द्वारा निराश्रित गोवंश को पालने के लिए प्रेरित करें। प्रति गोवंश का 300 रुपए प्रतिमाह प्राप्त होगा। अधिकारी सोच के दायरे को बढ़ाएं और नए नए कार्यों को कराए जाने के लिए प्रेरित करें। बैठक में एन आर एल एम को विस्तार देने की जरूरत पर उन्होंने अधिक जोर दिया। बैठक में मंडलायुक्त ने श्रम विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति जिस प्रकार का कार्य करता है उसे वही कार्य उपलब्ध कराए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित हो। अधिकारी स्वयं विचार करें कि क्या कार्य कराए जाएं, जिससे लोगों को रोजगार मिले।
दिहाड़ी मजदूर भरण पोषण भत्ता की धीमी प्रगति पर खफा हुए मंडलायुक्त
पंजीकृत श्रमिकों को एक हजार रुपए भत्ता तत्काल उपलब्ध कराएं तथा जिलों में दिहाड़ी श्रमिकों का पंजीकरण बेहद कम है। इसे अभियान चलाकर गति के साथ बढ़ाएं। मंडलायुक्त ने मंडल में दिहाड़ी मजदूरों को एक हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता की प्रगति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि दिहाड़ी मजदूरों की संख्या बढ़ाई जाए।
मनरेगा श्रमिकों का भी कराएं पंजीकरण
उन्होंने मनरेगा श्रमिकों को भी भत्ता दिलाए जाने हेतु पंजीकरण कराने का सुझाव दिया। मंडल में मनरेगा के मात्र 21740 श्रमिक पंजीकृत है और मात्र 2200 को ही लाभ प्राप्त हुआ। उन्होंने समस्त मनरेगा श्रमिकों को पंजीकृत करते हुए लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए।
जो कार्य करना चाहते हैं उन्हें दिलाएं मुद्रा लोन
मंडलायुक्त ने उद्योग विभाग को निर्देशित किया कि जो औद्योगिक इकाइयां चल रही है,वहां आने वाले श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराएं। जनपद में 207 बैंक शाखाएं हैं। मंडलायुक्त ने सुझाव देते हुए कहा कि मुद्रा लोन ऐसे इच्छुक व्यक्तियों को दिलाया जाए जो स्वयं कार्य करना चाहते हैं। इससे स्वयं रोजगार मिलेगा और अन्य को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।