तनाव से बचते हुए रोज दवा खाएं ह्दय रोगी: डा.आरएस वर्मा

लगातार दवा का प्रयोग रखेगा काफी हद तक सुरक्षित
झांसी। जनपद में कोविड-19 संक्रमित मरीज मिलने के बाद से लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न हो गयी। पहले से ही लाकडाउन के दौरान घर में रहते-रहते लोगों में तनाव की भावना उत्पन्न हो रही थी, अब इस माहौल में तनाव और बढ़ जाना स्वाभाविक है। वहीं दिल के मरीजों के लिए यह दौर बहुत चुनौतीपूर्ण है। विशेषज्ञों की यही राय है कि दिल के मरीज नियमित दवा खाते रहें और अपनी पुरानी दिनचर्या पर कायम रहें। इससे उन्हें नई परेशानी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर एस वर्मा ने बताया कि दिल के मरीज अपनी दवाएं लगातार खाते रहें। आसपास अगर बीपी की डिजिटल मशीन मिल जाए तो अपना बीपी नपवा लें। बीपी घटा या बढ़ा होने पर तनाव न लें। बीपी के मरीज प्रतिदिन कम से कम 5 ग्राम से कम नमक का प्रयोग करे। परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से फोन पर संपर्क करें। इसके साथ ही कार्डियोलोजिस्ट- डॉ. सुनीता राठौर 9415186740 पर संपर्क किया जा सकता है। वही काउन्सलर आरती को 8542834313 पर संपर्क कर सकते है।
डॉ. वर्मा के अनुसार लाकडाउन-2 लागू होने पर और अब जनपद में भी मरीज मिल जाने पर लोग अलग-अलग वजहों से तनाव में हैं। दिल की बीमारी से ग्रसित मरीज भी तनाव के कारण परेशान हैं। वह नियमित दवा खाकर और अपने खानपान पर ध्यान रखकर बीपी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत परेशानी होने पर ही डॉक्टर को दिखाने निकलें। वर्ना फोन पर राय लेकर ही काम चलाएं। कार्डियोलोजिस्ट- डॉ. सुनीता राठौर बतातीं हंै जब से अखबार के माध्यम से लोगों तक मेरा नंबर गया है, उसके बाद बहुत से हृदय रोगी कॉल के माध्यम से परामर्श ले रहे हंै। मेरा यही सुझाव रहता है कि जो ट्रीटमेंट चल रहा है वह वैसा ही चलने दंे, दवाइयाँ खाना बंद न करे।
ऐसा होना चाहिए हार्ट पेशंट्स का शेड्यूल
लॉकडाउन है तो इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपना रेग्युलर शेड्यूल डिस्टर्ब कर लें। अपनी दिनचर्या और सोने-जागने का समय वैसे ही रखें, जैसे पहले था। खुद को रिलैक्स रखें और पूरी नींद लें। डायट प्रॉपर लें और दवाइयों को लेकर लापरवाही न बरतें। क्योंकि अगर आपका सोने-जागने का वक्त बदलता है तो खाने का वक्त भी बदल जाता है, ऐसे में दवाइयों का शेड्यूल भी डिस्टर्ब होता है। फिजिकली ऐक्टिव जरूर रहें। घर में वॉक, योग और कसरत का रुटीन बना लें। अगर पहले से आपका रुटीन है तो उसी समय पर उसे फॉलो करें। इससे आपकी बॉडी को अपनी बायॉलजिकल क्लॉक सेट रखने में मदद मिलेगी।

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