ढाई महीने बाद भक्तों को दर्शन देंगे भगवान,धर्मस्थल किए गए सैनिटाइज
झांसी। कोरोना कहर के चलते भक्तों की आंखों से करीब ढाई महीने तक ओझल रहे भगवान सोमवार से उन्हें दर्शन देना शुरु कर देंगे। लेकिन सबकुछ सोशल डिस्टेंस के साथ होगा। प्रशासन ने इसके लिए सारे नियम भी संबंधित धर्मस्थलों के पुजारियों और महन्तों को बता दिए हैं। साथ ही रविवार को नगर के प्रसिद्ध धर्मस्थलों को सैनेटाइज भी किया गया।
कोरोना की विभीषिका से जूझ रहे देश में यह लॉक डाउन 5 चल रहा है। करीब ढाई महीने तक कोरोना से सीख लेने के बाद केन्द्र व राज्य सरकार ने कई मामलों रियायत दी ही। इसमें सनातन धर्म की आस्था के केन्द्र मंदिर,इस्लाम की अस्था का केन्द्र मस्जिदें,गुरुद्वारे,चर्च आदि सभी धर्मस्थल शामिल है। कोरोना के संकट को देखते हुए इस सारे स्थलों को भीड़भाड़ रोकने के लिए पूरी तरह से बंद कर रखा था। इसके चलते न तो सनातनी लोगों को नवदुर्गा में किसी देवी स्थल पर जल चढ़ाने की अनुमति दी गई और न ही किसी मस्जिद में सामूहिक नमाज अता कर ईद मनाने का आदेश था। सभी ने संकट की घड़ी का अंदाजा लगाते हुए इसका बखूबी पालन भी किया। और अब जब सभी लोग कोरोना के बारे में पूरी तरह से जानकार हो गए हैं तब लाॅकडाउन 5 मंे सशर्त धार्मिक स्थलों को 8 जून सोमवार से खोलने की अनुमति दे दी गई है। इसके लिए सभी धर्मस्थलों पर रविवार को तैयारियां जुटा ली गई है। इसके चलते धर्मस्थलों पर कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सैनेटाइज किया। नगर के प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर सिद्धेश्वर मंदिर पर नगर के प्रथम नागरिक रामतीर्थ सिंघल ने स्वयं पहुंचकर सैनेटाइज किया। उनके साथ मंदिर के महंत व महानगर धर्माचार्य भी मंदिर को सैनेटाइज करते नजर आए। इसके अलावा सेंट ज्यूड चर्च, झोकन बाग गुरुद्वारा और इलाइट मस्जिद बड़े धर्मस्थल माने जाते हैं। इन सभी स्थलों को सैनेटाइज किया गया है।
कोरोना काल में सभी रहे दहशतजदा
कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते आम जनता के घर के दरवाजे तो बंद हुए ही थे धर्म स्थलों तक का दरवाजा बंद हो गया था। जो मंदिर में भगवान के दर्शन किए बिना अपना काम शुरू नहीं करते थे,जो मस्जिद में बगैर नमाज पढ़े अपना दिन शुरू नहीं करते थे, जो लोग गुरुद्वारा पहुंचकर माथा टेके बगैर किसी काम की शुरुआत नहीं करते थे और चर्च में प्रेयर करने वाले सभी अपने घरों में दुबक गए थे। लोगों के अनुसार पिछले 450 वर्षों की परंपराएं भी टूटती नजर आई थी। अब धर्मस्थल खुल जाने से उन्हें सीधी राहत मिली है।
ये रहेंगी शर्तें
बगैर मास्क पहने कोई धर्मस्थल के अंदर दाखिल नहीं होगा। धर्म स्थलों पर श्रृद्धालु पांच-पांच की कतार में ही जाएंगे। मंदिरों पर सुबह 8 से 12 बजे तक ही दर्शन होंगे। सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। इन नियमों की सुनिश्चतता करने और धर्मस्थलों की सैनेटाइजिंग की व्यवस्था देखने स्वयं महापौर भी उपस्थित दिखाई दिए। उन्होंने सभी जगह जाकर पूरी जानकारी जुटाई।