डम्फर की रॉयल्टी की आड़ में धमाचैकड़ी मचा रहे हैं ट्रैक्टर ट्रॉली डम्फर की रॉयल्टी की आड़ में धमाचैकड़ी मचा रहे हैं ट्रैक्टर ट्रॉली
टहरौली। टहरौली क्षेत्राधिकारी एवं थानाध्यक्ष टहरौली के द्वारा बालू माफियाओं के खिलाफ चलाये गये अभियान के बाद खनन माफियाओं की कमर टूट से गई है और क्षेत्र में बालू का अवैध खनन लगभग समाप्त हो गया है। क्षेत्र में अगर कहीं अवैध खनन करने की कोशिश भी की गई है तो खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही की गई। पुलिस के एक्शन मोड़ में आने के कारण बालू माफियाओं का सिस्टम चरमरा सा गया था। जिसके बाद काफी समय से शान्त बैठे रेत माफियाओं ने बालू चोरी का एक नया नायाब रास्ता अपना लिया है । बालू माफियाओं द्वारा रॉयल्टी से लदे हुये डम्फरों और ट्रैकों द्वारा सुरक्षित स्थानों पर बालू का भंडारण किया जाता है और उस डम्प की हुई बालू को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भर कर ऊंचे दामों में बेच दिया जाता है ।
सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में अधिकांशतः तहसील के ही शमशेरपुरा बालू घाट से डम्फरों में बालू लायी जाती है। पहले चक्कर पर वह लोग बालू की रॉयल्टी लेते हैं और वह रॉयल्टी ललितपुर तक के लिये या इंदौर तक के लिये ले लेते हैं। जिससे उन लोगों को लगभग 12 से 24 घण्टे का समय मिल जाता है। पहले चक्कर के बाद वह लोग बिना रॉयल्टी (एनआर) के बालू भरवाते हैं। एक व्यक्ति द्वारा बताया गया कि एक रॉयल्टी पर आसानी से टहरौली तक के 3 से 4 चक्कर लग जाते हैं। बताया गया कि अगर बीच में किसी अधिकारी द्वारा डम्फर के प्रपत्र चेक कर लिये जाते हैं और उस पर अपने हस्ताक्षर कर दिये जाते हैं तो फिर अगले चक्कर में पुनः दूसरी रॉयल्टी लेनी पड़ती है। ज्ञात हो कि टहरौली क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के पास बालू के डम्प का कोई लाईसेंस नहीं है। और कोई भी व्यक्ति डम्प से बालू बेचने के लिये अधिकृत नहीं है। जब कभी अधिकारियों द्वारा इन्हीं डम्प के स्थानों से लाई गयी लदी बालू के ट्रैक्टरों को रोका जाता है तो वह डम्फर की रॉयल्टी दिखाने लगते हैं । क्षेत्राधिकारी टहरौली हरिराम यादव ने बताया कि जहां से भी रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की सूचना मिलती है, वहां पर कार्रवाई की जाती है। कई बार अवैध कारोबारियों को टीम के आने की सूचना मिल जाती है जिससे वे भाग जाते हैं। लुहरगांव, कलौथरा, बरौल, पथरेडी आदि स्थानों पर ताबड़तोड़ छापों से अवैध खनन पूरी तरह रुक गया है और भविष्य में ऐसे सभी स्थानों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेंगी । उन्होंने कहा कि मुझे भी इस तरह की सूचना मिली है। बालू से लदे हुये डम्फरों और ट्रैकों को रोक कर उनके प्रपत्रों की जाँच की जाती है उनकी रॉयल्टी पर हस्ताक्षर कर दिये जाते हैं जिससे वह उस रॉयल्टी का उपयोग दूसरी बार न कर सकें । उन्होंने बताया कि डम्फर की रॉयल्टी पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों द्वारा बालू की शिफ्टिंग पूरी तरह से अवैध एवं अनाधिकृत है। पकड़े जाने पर किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जायेगा ।