झांसी मंडल में तीस हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ा: मण्डलायुक्त

झांसी। मंडल में अब तक बयालीस हजार प्रवासी श्रमिक विभिन्न राज्यों से वापस आए हैं। इनमें से अभी तक तीस हजार प्रवासी मजदूरों को रोजगार दे दिया है। मनरेगा, एनजीओ,वृक्षारोपण, तेंदूपत्ता के कारोबार से इनको जोड़ा गया है। साथ ही हम चंदेल कालीन तालाबों और चेक डैम का पुनरुद्धार भी करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि सभी को रोजगार से जोड़ दिया जाए ताकि फिर कोई वापस अपने गांव को छोड़कर अन्यत्र रोजगार की तलाश में न जाए। यह बयान झांसी मण्डल के मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा का है।
मण्डलायुक्त ने बताया कि हम प्रयासरत हैं कि मण्डल में विभिन्न राज्यों से वापस लौटकर आए प्रवासी मजदूरों को वापस न जाना पड़े। रोजगार की तलाश में उन्हें बाहर जाना पड़ता है। इसके लिए राज्य सरकार ने कच्चा और पक्का कार्य उन्हें उनके गांवों में ही देने के लिए रणनीति तैयार की है। इस पर हमने काफी हद तक काम भी कर लिया है। उसी का परिणाम है कि बाहर से लौटे 42 हजार प्रवासी मजदूरों में से हम अब तक 30 हजार को रोजगार मुहैया करा चुके हैं। हमने इसके साथ ही गांव के कार्यों को भी उनसे जोड़ने का कार्य शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि आपने यदि किसी को रोजगार दे दिया तो पलायन रुक जाएगा इनको खेतों से जोड़ दिया तो आपदा पर विजय मिल जाएगी।
गांव में पहुंचे कमिश्नर जानी जमीनी हकीकत
शनिवार को कमिश्नर ने मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण किया। एक गांव में पहुंचे। उन्होंने वहां मजदूरों से पूछा पैसा मिल रहा है। वहां पर उन्हें जानकारी मिली कि कई मजदूरों का जनधन खाता नहीं है। कई के राशन कार्ड नहीं हैं। हालांकि काम मिलने पर मजदूर उनको बहुत प्रसन्न दिखे। उन्होंने तत्काल मजदूरों के राशन कार्ड बनाने के लिए निर्देश दिए।

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