ज्ञान का अनुपम का खजाना समेटे हुए है रेडियो
झांसी। रेडियो ने ज्ञान का अनुपम खजाना अपने आगोश में समेट रखा है। वह समाज को बिना किसी मूल्य के समुचित सूचना, ज्ञान और मनोरंजन की सुविधाएं चैबीसों घंटे परोस रहा है। युवाओं को रेडियो की विविध सेवाओं का उपयोग कर अपने व्यक्तित्व और भविष्य को सवारना चाहिए। यह बात बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में गुरुवार को विश्व रेडियो दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख डा. सीपी पैन्यूली ने कही।
डा. पैन्यूली ने युवाओं का आह्वान किया कि वे रेडिया की दुनिया में उपलब्ध सेवाओं में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराएं। संस्थान के समन्वयक डा. कौशल त्रिपाठी ने कहा कि अपनेे विविध कार्यक्रमों के जरिये आल इंडिया समाज के हर वर्ग को संबोधित करता है। एआईआर के पास बच्चों, युवाओं, महिलाओं, किसानो, मजदूरों, सेना के जवानों को विभिन्न विषयों पर समुचित जानकारियां देने के साथ साथ उनका मनोरंजन भी करता है। रेडियो पर ज्ञान का अथाह भंडार उपलब्ध है। एआईआर की वेबसाइट पर जाकर युवा दिन प्रतिदिन के समाचारों का अध्ययन कर सकते हैं। युवा इसका उपयोग कर अपने भविष्य को निखार सकते हैं। संस्थान के शिक्षक उमेश शुक्ल ने विश्व और भारत में रेडियो के विकास की बाबत जानकारी दी। उन्होंने विश्व रेडियो दिवस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम में शिक्षक राघवेंद्र दीक्षित ने भी रेडियो की उपयोगिता और संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने युवाओं से सक्रिय रहते हुए सामने आने वाले अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में सतीश साहनी, जय सिंह और अभिषेक कुमार समेत सभी शिक्षक उपस्थित रहे।