जिला कारागार से छोडे़ गए 80 कैदी, अभी और कैदियों को छोड़ा जायेगा
झांसी। कोरोना वाॅयरस की दहशत विश्व के बाद भारत में भी स्पष्ट रुप से देखी जा रही है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जेलों से 7- 7 साल की सजा वाले कैदियों को छोड़े जाने का आदेश दिया गया है। जिला कारागार से भी ऐसे कुल 217 कैदियों को छोड़े जाने की बात कही जा रही है। इनमें से 33 कैदियों को जेल प्रशासन बीती देर रात रिहा कर चुका है। यह भी बताया गया है कि लाॅक डाउन का पालन कराने के लिए सीमाएं सील होने के चलते जनपद के बाहर के कैदियों को रिहा तो कर दिया जाएगा,पर उन्हंे जेल में रखा जाएगा। जब तक उन्हें बाहर निकालने की व्यवस्था नहीं हो जाती।
जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अण्डर ट्राइल जिला कारागार में निरुद्ध कुल 167 कैदियों की सूची भेजी गई थी। जबकि 50 कैदी ऐसे हैं जिनके दोष सिद्ध हो गए हैं। ऐसे कुल मिलाकर कुल 217 कैदियों की रिहाई होनी है। इसके चलते न्यायालय की लिखा पढ़ी के बाद सोमवार की रात 33 कैदियों को रिहा कर दिया गया था। उसके बाद आज मंगलवार को 47 कैदी छोड़े जाने हैं। इनमें से अभी तक कुल 39 कैदी रिहा भी कर दिए गए हैं। इन सभी कैदियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला द्वारा सरकारी बसों का इंतजाम किया गया है। इनमें मोठ, समथर,पूंछ,एरच,गरौठा व मऊरानीपुर आदि क्षेत्रों के लिए अलग-अलग बसें लगाई गई हैं। कैदियों को मुचलके पर छोड़ा जा रहा है। लेकिन उन कैदियों को अभी जेल में ही रहना होगा, जो झांसी जिले से बाहर के निवासी है। इसका कारण बताते हुए जेल अधीक्षक ने कहा कि कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए सारी सीमाएं सील कर दी हैं। इसके चलते जिले के बाहर के कैदियों को उनके घर तक पहुंचाने की स्थिति संभव न हो सकेगी। इसी के चलते उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है। अगला आदेश मिलते ही पात्र कैदियों को भी छोड़ा जाएगा। भिटौरा निवासी आलोक सिंह व अभिषेक उर्फ छोटू दोनों सगे भाई बाईक चोरी के मामले में थाना सदर से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। उनकी भी मंगलवार को रिहाई होनी थी। दोनों बेटों की रिहाई के लिए उनके मां-बाप बाहर खड़ी रोडवेज की बस में बैठे घंटों इंतजार करते दिखे। जबकि सीपरी बाजार निवासी राजीव उर्फ बब्लू के परिजनों को भी यही हाल था। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को गैंगस्टर में जेल भेजा गया था। आज उसकी रिहाई होनी है।