जागरूकता व बचाव ही है कोरोना का सही इलाज
झांसी। कोरोना के प्रति जागरूकता और बचाव ही है सही इलाज, इस पर विशेष ध्यान देते हुए मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में ब्लॉक स्तरीय चार सदस्यों की टीम को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के लिए आरक्षित की गई पांच एंबुलेंस के कर्मचारियों को पर्सनल प्रोटेक्टिव एक्विपममेंट (पीपीआई) यानि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण विधि के बारें में प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण में जिला सर्विलेंस अधिकारी डा. सुधीर कुलश्रेष्ठ ने बताया कि आरक्षित एंबुलेंस से कोरोना वायरस से संदिग्ध मरीज के सैंपल को लखनऊ ले जाने का कार्य किया जा रहा है। हालांकि अभी तक जनपद में दो ही संदिग्ध मरीज मिले थे, जांच के बाद जिनका परिणाम नकारात्मक निकला। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का भ्रमित माहौल न फैले इसके लिए ब्लॉक स्तरीय चार सदस्यों की टीम बनाई गयी है, इनको आज प्रशिक्षण दिया गया है अब यह टीम अपने अपने ब्लॉक पर प्रतिदिन बाकी सदस्यों को ट्रेनिंग देंगी, वही इसकी रिपोर्टिंग भी देंगी। टेक्निकल प्रशिक्षण दे रहे क्वालिटी सलाहकार डा. मनीष खरे ने सभी सदस्यों को पीपीई विधि के बारें में समझाते हुये कार्य क्षेत्र में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण में इस्तेमाल होने वाली सभी 6 चीजों को कैसे पहनना है और उनका निस्तारण कैसे करना है, उसके बारें में पढ़ाया। वह 6 चीजें है कैप, चश्मा, मास्क, ग्लब्स, एप्रिन और जूते। वही हाथों की सफाई की महत्वता बताते हुये उन्हांेने बताया कि सभी को दिन में कम से कम 7 से 8 बार हाथों को जरूर धुलना है। एपिडिमियोंलोजिस्ट डा. अनुराधा ने बताया कि प्रदेश स्तर उपलब्ध कराई जा रही लिस्ट के सभी लोगों की मानिट्रिंग हो रही है। उन्होंने उपस्थित सदस्यों को निर्देश दिया कि किसी भी तरह का भ्रमित माहौल नहीं बनाना है। यदि किसी मरीज में लक्षण प्रतीत होते है तो उसकी सूचना विभाग को सबसे पहले देनी है। जनपद में एपेडेमिक एक्ट लागू हो गया है, किसी भी प्रकार का भ्रम फैलाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी है। कोरोना से संबन्धित सूचना के लिए आपातकालीन नंबर 18001805145 पर काल की जा सकती है। प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके जैन, डा. नरेश अग्रवाल, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक ऋषिराज, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबन्धक प्रशांत वर्मा सहित सभी ब्लॉक से आए बीसीपीएम, बीपीएम मौजूद रहे।