चरित्र मानव की सबसे बड़ी पूंजी है: पंकज महाराज
बबीना। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के अध्यक्ष पंकज महाराज अपनी चालीस दिवसीय बुन्देलखण्ड जनजागरण अभियान के अन्तर्गत अपनी धर्म यात्रा के साथ खैरा में पधारे। मंगलवार को यहां आयोजित सत्संग समारोह में अपने उद्गार व्यक्त करते हुये कहा देश में अच्छे समाज के निर्माण की आवश्यकता है उसके लिये लोगों को शाकाहारी व नशामुक्त होना तथा अच्छे संस्कार युक्त शिक्षा की जरूरत है। चरित्र मानव की सबसे बड़ी पूंजी है। आसन्न कर्मजनित संकटों तथा असाध्य बीमारियों से बचाव के लिये शाकाहारी व नशा मुक्त होना अति आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि जीते जी प्रभु के पाने के लिये मनुष्य शरीर का मिलना वक्त का सबसे बड़ा वरदान है। मनुष्य शरीर परमात्मा का बनाया हुआ चेतन ईष्वरीय मन्दिर या कुदरती काबा है। परमात्मा बाहर कहीं भी नदी-नालों, जंगल, पहाड़ों, पानी-पत्थरों या किताबों में नहीं मिलेगा। वह जब भी मिलेगा, अपने वजूद के अन्दर जाकर घट का पर्दा खोलने पर मिलेगा। यह समय का जागृत नाम है, जिसके द्वारा आत्माओं की खेप की खेप भव सागर से पार हो जायेंगी। उन्होंने कलियुग की सबसे सरल साधना सुरत-शब्द योग (नाम-योग) का रास्ता तथा अभ्यास का तरीका समझाया। दो घण्टे से अधिक चले प्रवचन में आत्मा-परमात्मा के गूढ़ रहस्यों के प्रेरक सन्देश दिया। जिससे लोगों ने भगवान की भक्ति की पे्ररणा प्राप्त किया। उन्होंने आगामी 9 से 11 मार्च तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले होली सत्संग में आने का निमन्ण दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक प्रीतम सिंह राजपूत ग्राम प्रधान खैरा, चतुर सिंह राजपूत, धर्मेन्द्र राजपूत जिला संगत के अध्यक्ष आरडी यादव, विक्रम यादव, मोहन लाल लक्षकार आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव टहरौली के लिये प्रस्थान कर गई।