घर-घर जाकर बच्चों को खिलाई जायेगी पेट के कीड़े मारने की दवा
झांसी। सोमवार से जनपद के बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेण्डाजाल खिलाने का अभियान शुरू हो गया । कोविड के चलते आशा और आगंनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिला रही है। यह अभियान 7 अक्टूबर तक चलेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग व बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग संयुक्त रूप से प्रयासरत हैं।
अभियान के नोडल अधिकारी डा. राज किशोर ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण आगंनवाड़ी केंद्र और स्कूल आदि बंद चल रहे हैं। इस बार आशा और आगंनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेण्डाजाल की दवा घर-घर जाकर खिलाई जा रही है। किसी भी अभिभावक को यह टेबलेट रखने या बाद में खिलाने के लिए नहीं देनी है। यह दवा आशा और आगंनवाड़ी के सामने ही बच्चों को खिलानी है। इसमें एक वर्ष से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली व 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली देनी है। जिला कार्यक्रम प्रक्रिया प्रबन्धक प्रशांत वर्मा ने बताया कि कोविड-19 के सक्रमंण के चलते सभी फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को खास प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिये गए हैं। अभियान में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मी माॅस्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुये बच्चों को दवा खिलाएंगे। उन्होने बताया कि ज्यादा छोटे बच्चों को टेबलेट चूरा कर पानी के साथ खिलाया जाएगा। बड़े बच्चों को भी दवा चबा चबाकर ही खानी है। अभियान के अंतर्गत जनपद के 7,78,794 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक दिन में 30 घरों का भ्रमण करके बच्चों को दवा खिलाएंगी। कंटेनमेंट जोन में दवा नहीं खिलायी जाएगी।
बीमार बच्चें को न खिलाएं दवा
किसी भी तरह की बीमारी होने पर बच्चे को एल्बेण्डाजाल टेबलेट नहीं खिलानी है। यदि उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। इसके अलावा फिर भी किसी अन्य तरह की बड़ी परेशानी हो तो मुफ्त एंबुलेंस सेवा के टोल फ्री नंबर 108 से मदद ले सकते हैं।