कोविड-19: हाउस-टू-हाउस मैपिंग पर प्रशासन ने किया मंथन

बोले डीएम,सुचिता के साथ जुटाएं जानकारी,मीडिया की लें मदद
झांसी। हाउस टू हाउस मैपिंग के लिए संपूर्ण लॉक डाउन का पालन सख्ती से कराया जाए ताकि मैपिंग सुचिता के साथ पूर्ण हो सके। महानगर को चार सेक्टरों में विभाजित किया गया है। जिम्मेदार अधिकारी को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कैंप कार्यालय में हाउस टू हाउस मैपिंग को सुचिता के साथ पूर्ण करने के लिए रोडमैप तैयार करते हुए प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व उनके फील्ड स्टाॅफ के सहयोग लेने का भी सुझाव दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यतः विदेश यात्रा के बारे में जानकारी लेने, विदेश यात्री से संपर्क करने, सूखी खासी, गंभीर बुखार व सांस फूलने के लक्षण की जानकारी एकत्र करना है, यह कार्य सावधानीपूर्वक व सुचिता के साथ किया जाना सुनिश्चित हो। हाउस टू हाउस मैपिंग को गंभीरता से किया जाए ताकि हम कोविड -19 को सेकेण्ड लेवल में ही रोक सके। जिलाधिकारी ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर तथा ग्राम पंचायतों में हाउस मैपिंग के लिए मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से हाउस मैपिंग का कार्य होगा। इस कार्य में उक्त अधिकारियों के कर्मचारी सहयोग करेंगे। इसी प्रकार नगर पंचायतों व नगर पालिकाओं के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा प्रशासन नेतृत्व सभालेगे और नगरपालिकाओ के ईओ, डीआईओएस, बीसए, डीपीओ, डीएसओ, सीएमओ, पीओ डूडा के माध्यम से हाउस टू हाउस मैपिंग कार्य पूर्ण कराया जाएगा। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम, एसपीआरए, सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट, ईओ आदि उपस्थित रहे।
नगर में नगर आयुक्त के नेतृत्व में होगा कार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम में हाउस टू हाउस मैपिंग चुनौतीपूर्ण है। इसे करने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र में डीआईओएस, बीएसए के अतिरिक्त अधिशासी अभियंता विद्युत और उनके बिल कलेक्टर का सहयोग लिया जाए। साथ ही आई सी डी एस की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, व्यापार मंडल, सर्वधर्म सद्भावना समिति के प्रतिनिधि, डी एस, डीपीआरओ का भी इसमें सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र में नगर आयुक्त को नोडल अधिकारी बनाया गया है अतः सारा डाटा नगर आयुक्त के यहां जमा कराया जाए ताकि उसकी सही ढंग से जांच हो सके। उन्होंने पुलिस विभाग के कांस्टेबल की भी मदद लेने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल भी साथ रहने को कहा।

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