कोविड-19 मोनिट्रिंग के लिए कोविड-19 एप्प तैयार
मास्टर प्रशिक्षकों को किया प्रशिक्षित,सर्विलेंस से 28 दिन तक होगी निगरानी
झांसी। भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए इसकी मॉनिटरिंग के लिए कोविड-19 नामक एप्प तैयार कर लिया गया है। इसके लिए बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 28 दिनों तक सर्विलेंस के माध्यम से लोगों की निगरानी का कार्य किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीके निगम ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से बचाने के लिए जिन व्यक्तियों की निगरानी रखने की आवश्यकता है, उनकी ऑनलाइन सर्विलेंस के माध्यम से निगरानी रखने के लिए कोविड-19 एप्प बनाया गया है। एप्प के माध्यम से सर्विलेंस में कार्य कर रहे फील्ड टीमों की गतिविधियों को सहयोग देने, चिकित्सा इकाइयों में रोगियों की निरंतर ट्रेकिंग करने तथा कोविड-19 संबंधी सूचनाओं को विभिन्न हित धारकों के साथ आदान प्रदान किया जा सकेंगा। प्रशिक्षण दे रहे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन के जैन ने बताया कि जनपद स्तर जो लोग बाहर से आए हैं आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर घर जाकर उनके नाम दर्ज किए गए हैं। जो अब पोर्टल पर भी साझा कर दिये गए हैं। वह नाम और राज्य स्तर से व केंद्र स्तर से भी कुछ नाम जुड़कर एक मास्टर डाटा इस एप्प के माध्यम से सभी जनपदों को दी गयी है। अब इस के माध्यम से जनपद स्तर के कर्मचारी इन नामों की मोनिट्रिंग करेंगे, जिसकी सूचना वह इस एप्प पर भी अंकित करेंगे। मास्टर ट्रेनर ब्लॉक पर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीम को प्रशिक्षण देंगे। डॉ. जैन के साथ डाटा मैनेजर आदित्य प्रकाश और एपेडिमियोलोजिस्ट डॉ. अनुराधा ने प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण सभी एमओआईसी और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. विजयश्री शुक्ला ने बताया कि इस एप्प के माध्यम से भारत सरकार को डाटा मोनिट्रिंग में आसानी होंगी। वो एप्प के माध्यम से जान पाएंगे कि वर्तमान में कितने लोगों को मोनिट्रिंग पर रखा गया है? कितनों की पुष्टि हो गयी, कितनों की सैंपलिंग हुई है और कितनों का फॉलोअप पूरा हो गया है? एप्प में लाइव लोकेशन डिटेक्टर भी है, जिससे पता चल पाएगा कि त्वरित प्रतिक्रिया टीम क्षेत्र में गयी है या नही।
दो तरह की टीमें करेगी काम
इसके लिए दो तरह की टीम बनायी गयी हैं। इनमें पहली टीम है त्वरित प्रतिक्रिया टीम जिसमें डॉक्टर है। यह टीम घर घर जाकर व्यक्ति का परीक्षण करने के साथ पुष्टि करेंगी कि वह व्यक्ति वहां है या नहीं, और उसकी हालत कैसी है। इसके बाद कॉलर टीम कॉल के माध्यम से व्यक्ति का फॉलोअप करेंगी। 28 दिन की निगरानी के बाद यदि किसी व्यक्ति में कोई लक्षण उभर कर नही आए तो उसका नाम एप्प की लिस्ट से हटा दिया जाएगा। यदि किसी के स्वास्थ्य में परिवर्तन आता है तो त्वरित प्रतिक्रिया टीम फिर से जाकर उसके स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगी। सैंपल लेने की अवस्था में उसका सैंपल भी लिया जाएगा।
इन व्यक्तियों को रखेंगे सर्विलेंस पर
एपेडिमियोलोजिस्ट डॉ. अनुराधा ने बताया कि पांच श्रेणियों के व्यक्तियों को सर्विलांस पर रखा जाएगा। इनमें चिन्हित विदेश यात्रा से वापस आए यात्री, कोविड-19 से ग्रस्त रोगियों के संपर्क में आए उच्च जोखिम एवं कम जोखिम वाले व्यक्ति, कोविड-19 की रोकथाम संबंधी गतिविधियों या ट्रेकिंग के दौरान पाये गए अन्य संदिग्ध व्यक्ति, राज्य व जनपदीय कॉल सेंटर पर फोन करने वाले संदिग्ध व्यक्ति, जिनके लिए ट्रेकिंग और सैंपल कलेक्शन आवश्यक हो व अन्य राज्यों से आए प्रवासी शामिल होंगे।