कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
सरकारी और प्राइवेट हाॅस्पिटल में 3 हजार से अधिक बैड व 98 वेण्टिलेटर तैयार
झांसी। विश्व के डेढ़ सौ से अधिक देशों में मौत का तांडव मचा चुके कोरोना वायरस की दहशत भारत में भी स्पष्ट दिखाई दे रही है। इसके लिए 22 राज्यों के 1000 शहरों को लॉक डाउन कर दिया गया है। इसी क्रम में जनपद प्रशासन ने इस महामारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी बताया कि कोरोना के संभावित मरीजों के उपचार के लिए जिला प्रशासन कमर कस चुका है। सरकारी मशीनरी के साथ प्राइवेट नर्सिंग होम्स, होटल्स व कुछ विवाह घरों की भी तैयारियां कर ली गई हंै। हालांकि अभी तक जनपद में कोई मरीज कोरोना पीड़ित नहीं है। संदेह के तौर पर अब तक 122 लोगों को कोरेन्टाइन के तौर पर सख्त निगरानी में 14 दिन के लिए रखा गया है।
चीन से फैले इस महारोग से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने एकजुटता का परिचय देते हुए धैर्य न खोने की अपील की। जिलाधिकारी ने बताया कि यूं तो जनपद में अभी तक सब ठीक है,लेकिन यदि स्थिति बिगड़ती है तो रेलवे,आर्मी,जिला हॉस्पिटल,मेडिकल कॉलेज,पैरामेडिकल के साथ प्राइवेट नर्सिंग होम,होटल व विवाह घरों को भी शामिल करने की तैयारी कर ली गई है। कोरोना के कहर को देखते हुए जनपद में कुल 3273 बेड की व्यवस्था की गई है। इसमें सभी स्थानों पर कुल 98 वेंटिलेटर भी उपलब्ध रहेंगे। मरीजों को रखने के लिए आइसोलेशन वार्ड में वेड्स के बीच उचित दूरी, ऑक्सीजन की व्यवस्था व दूसरी जरूरी सामग्रियों को जुटा लिया गया है।
10 दिन में मेडिकल काॅलेज में स्थापित होगी लैब
उन्होंने बताया कि आगामी 10 दिन के अंदर मेडिकल कॉलेज में एक टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है ताकि बुंदेलखंड और उसके आसपास के क्षेत्रों के पीड़ितों का सैंपल लखनऊ ना भेजना पड़ेगा, बल्कि झांसी में ही उनकी जांच शीघ्र की जा सकेगी। और प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने में सहयोग मिलेगा। बुन्देलखण्ड के सभी 7 जनपदों समेत मप्र के भी बड़े क्षेत्र को इस लैब से सहयोग मिल सकेगा।
सभी संदिग्धों की टैªवल हिस्ट्री पर नजर
उन्होंने बताया जो 122 संदिग्ध लोग निगरानी में रखे गए हैं। उनकी ट्रैवलिंग हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है। नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद भी उन्हें 14 दिन तक स्वयं की निगरानी में अलग रहने की सलाह दी गई है। जनपद की सीमाओं से लगे मध्य प्रदेश के बॉर्डर को सील कर दिया गया है। केवल आपस में दूरी बनाए रखना ही इस महामारी से निपटने का एक मात्र उचित उपाय है।
ग्रामीण अंचल में वापस लौटे लोगों पर विशेष निगाह
उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों में भारी संख्या में लोग मजदूरी के लिए विभिन्न स्थानों पर जाते हैं। ऐसे में लाॅक डाउन के साथ ही वे सभी अपने गांव वापस आएंगे। सच्ची चुनौती हमारे सामने अब शुरु होने वाली है। इसी को निपटने के लिए सभी ग्रामीण अंचल में भी सीएचसी को भी केन्द्र बनाते हुए इनसे निपटने की व्यवस्था की गई है। साथ ही ग्रामीण अंचल में प्रधानों कोटेदारों आशाओं चैकीदारों एएनएम व लेखपाल समेत पूरी सरकारी मशीनरी को सक्रिय कर दिया गया है बीते रोज सैकड़ों लोग विभिन्न ट्रेनों से अपने-अपने घरों के लिए लौटें इन पर भी नजर रखी जा रही है। इनकी भी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। जो भी संदिग्ध होंगे उन्हें तुरंत सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा। इसके लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई है।
सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें
जिलाधिकारी ने सभी से अपील की कि हमें सोशल मीडिया की सोशल मीडिया का उपयोग तो करना है लेकिन उस पर फैलने वाली अफवाहों से बचना भी है। उन्होंने यह भी बताया परिवहन विभाग की बसों को पूरी तरह से बंद रखा जा रहा है। ताकि किसी अन्य राज्य से कोई भी संदिग्ध हमारे राज्य में या हमारे जनपद की सीमा में प्रवेश न कर पाए।
तीसरे चरण में वाॅयरस को रोकना सबसे बड़ी चुनौती
कोरोना वायरस के तीसरे चरण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यही वह चरण है जब लोगों की आवाजाही के चलते यह महामारी विकराल रूप ले सकती है। इससे बचने के लिए हमें आगामी 10 दिन तक अपने घरों में सुरक्षित रहना है। इसके लिए सभी संस्थान बंद करा दिए गए हैं। आपका भी दायित्व है कि आप अपने घरों पर ही अपने आप को रोककर रखें और वाॅयरस को हराने में सहयोग करंे।
सफाई का रखें विशेष ध्यान
मुख्य विकास अधिकारी निखिल टीकाराम पुंडे ने बताया कि हमें वायरस से सुरक्षा करने के लिए घर में सोडियम हाइपोक्लोराइट नमक का पोछा लगाना है। साथ ही बार-बार इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं घर के दरवाजों के हैंडल गाड़ियों के दरवाजे आदि जगह पर भी इससे सुरक्षा करनी है।
दिहाड़ी मजदूरों के खातों में जल्द पहुंचेगा एक हजार
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार जिले के मजूदरों के खातों में एक हजार रुपए डालने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि 400 रजिस्टर्ड मजदूरों के खातों में पैसा भिजवाने की जल्दी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा भी जो होंगे उनके लिए भी कुछ देखा जाएगा। साथ ही मनरेगा का विधेयक पारित होते ही उनके पैसे खातों में आ जाएंगे।