कोरोना मरीजों के लिए बेहतर सर्विस का भी विकल्प: जिलाधिकारी

झांसी। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने नगर में चयनित एल-1 हॉस्पिटल में लाइफ लाइन हॉस्पिटल व चिरंजीवी हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया तथा वहां कोविड-19 से प्रभावित मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि हॉस्पिटल के सभी बेड को सुव्यवस्थित कर लिए जाएं। साथ ही बड़े स्तर पर साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज बेहतर सर्विस चाहते हैं तो उनके लिए विकल्प खुला है। उन्हें प्राईवेट नर्सिंग होम्स लाइफ लाइन व चिरंजीवी हास्पिटल में रेफर किया जा सकेगा।
औचक निरीक्षण में जिलाधिकारी ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज व बड़ागांव सीएचसी के अतिरिक्त लाइफ लाइन हॉस्पिटल तथा चिरंजीवी हॉस्पिटल को एल -1 कैटेगरी में चयनित किया गया है। जहां कोविड संदिग्ध को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी कोविड पॉजिटिव तीन लोग हैं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज में ही रखा है। इसके अतिरिक्त जहां कोरोना पॉजिटिव केस पाया गया है। उस इलाके में सैंपल लेने और टेस्टिंग कार्य चल रहा है। सभी को मेडिकल क्वॉरेंटाइन में रखना है। उनके लिए लाइफलाइन हॉस्पिटल व चिरंजीवी हॉस्पिटल की ओर से सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव आया। यह सरकार के हित में अच्छा का काम है।
उन्होंने वहां उपलब्ध 100 बंेडांे का निरीक्षण किया और अनुरोध किया कि सभी बेड को तैयार कर लें। जिससे जो भी संदिग्ध मरीज आए उनको यहां भर्ती करा दिया जाए। उन्होंने बताया कि भर्ती करने के बाद सैम्पल लिया जाएगा तथा टेस्टिंग में यदि निगेटिव आता है तो उसे डिस्चार्ज करते हुए होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। यदि टेस्टिंग में पॉजिटिव आता है तो उसे मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई बेहतर सर्विस चाहते हैं तो उन्हें लाइफ लाइन व चिरंजीवी हास्पिटल में रेफर कर दिया जाएगा। इस मौके पर एमडी डॉक्टर प्रवीण जैन लाइफ लाइन हॉस्पिटल, डॉक्टर संजय त्रिवेदी चिरंजीवी हॉस्पिटल, डॉक्टर तनुज जैन सहित अन्य चिकित्सक व स्टाफ उपस्थित रहे।
प्रवासी श्रमिकों की अधिक संख्या से बढ़ी समस्या
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान बताया कि पैरामेडिकल कॉलेज क्वारनटाइन सेंटर बनाया था लेकिन प्रवासी श्रमिकों के अधिक संख्या में आ जाने से कारण उन्हें संदिग्ध से दूर रखना अनिवार्य है। वहां अलग ब्लॉक होने के बाद भी खतरा है। इस खतरे को देखते हुए उन्हें एक जगह लाना जरूरी है इसलिए इन्हें एल-1 हॉस्पिटल बनाया गया है और दोनों हॉस्पिटल को सारी तैयारियां किए जाने के निर्देश दिए गए।

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