कोरोना ने रोकी रथ यात्रा, मंदिर से ही दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ
23 जून को होंगे विविध धार्मिक आयोजन, सुबह अभिषेक और शाम को होगी महाआरती
झांसी। कोरोना कहर का विश्वव्यापी प्रभाव इंसान तो छोड़िए भगवान के कार्यक्रमों को भी प्रभावित करता दिखाई दे रहा है। इसके चलते भगवान जगन्नाथ जी की वार्षिक रथयात्रा महोत्सव में इस बार बदलाव किया गया है। इस बार 23 जून को आयोजित होने वाली रथ यात्रा भी नहीं निकाली जाएगी। भगवान नगर भ्रमण कर दर्शन नहीं देंगे, भक्तों को ही भगवान के मंदिर आना होगा। रथ यात्रा के स्थान पर 23 जून को मंदिर में ही भगवान का अभिषेक, श्रंगार और महाआरती होगी।
भगवान जगन्नाथ सेवा समिति एवं मंदिर कमेटी ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते इस बार भगवान जगन्नाथ जी रथ पर आरुण होकर भक्तों को दर्शन देने मंदिर से नहीं निकलेंगे। भक्तों को भगवान के दर्शन हेतु मंदिर आना होगा। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भगवान की विशाल रथ शोभायात्रा महोत्सव के तहत 23 जून को शहर गोपाल नीखरा स्थित भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर पर जल्द सुबह से ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। भगवान जगन्नाथ जी, बड़े भाई भगवान बलदाऊ एवं बहन सुभद्रा जी का भव्य अभिषेक कार्यक्रम होगा। भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। भगवान की महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। यह जानकर महोत्सव और मंदिर कमेटी के सभी पदाधिकारियों ने पत्रकारों को दी। रविवार को भगवान के मंदिर प्रांगण में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया गया है कि महोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के तहत शासन प्रशासन द्वारा जारी किए गए सभी नियमों और शर्तों का पालन मंदिर प्रांगण में किया जाएगा। मंदिर के व्यवस्थापक शिवा और संजय नोराही ने बताया कि मंदिर में 23 जून की शाम को विशाल दीपदान का आयोजन भी किया गया है। उन्होंने भगवान के सभी भक्तों से आव्हान किया है कि सभी भक्त अपने -अपने घरों पर 11-11 दीपक प्रज्वलित कर भगवान से कोरोना जैसी भयानक बीमारी को नष्ट करने के लिए प्रार्थना करें। इस दौरान राकेश लक्षकार, राघव वर्मा, मनमोहन गैड़ा,किशन नौराही, शिवा नौराही, संजय नौराही, विनोद हरयाणा,भूपेंद्र रायकवार आदि उपस्थित रहे। संचालन व आभार पंडित पीयूष रावत ने व्यक्त किया।