कोरोना तुमको जाना होगा, महाशक्ति जगाना है: डा. लगरखा
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं सांस्कृतिक समन्वयक डा. रेखा लगरखा ने वैश्विक महामारी कोरोना से उपजी निराशा को दूर करने के लिए कविता के माध्यम से देशवाशियों से एकजुट होने का आवाहन किया है। उनकी इस कविता का वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया में वायरल हुआ।
कविता वाले इस वीडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पांच अप्रैल को प्रस्तावित कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कविता की रचना की है। उन्होंने कहा है कि आज जहां पश्चिम के बड़े बड़े देश इस महामारी के प्रोकोप से नहीं बच पायें हैं वही भारत अभी भी सकरात्मक प्रयासों से इस चुनौती का डट कर सामना कर रहा है। ऐसे में सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देशों को पालन करें। साथ ही विपत्ति की इस घड़ी में प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका का निर्वाहन सतर्कता से करना है। हमें समझाना होगा कि जब साधन सम्पन देश इस आपदा से नहीं निपट पा रहे हैं तो हमारें लिए सीमित संसाधनों से निपटाना कितना कठिन होगा। हम इसमें सफल हो सकते हैं यदि हम घर पर रहें और सामाजिक दूरी और स्वछता का पालन करें।
यह कविता की कुछ पक्तियां…….
कोरोना तुमको जाना होगा, अंधकार को दूर करेंगे, महाशक्ति जगाना है। विनती है तुम सबसे यारो, मिलकर दिये जलना है। सौभाग्य से मिलता है मौका, अपना फर्ज निभाना है। देश सेवा करने का अवसर, ऐसे नहीं गंवाना है। सारा भारत रोशन कर दो, दुनिया को दिखलाना है। हम न हारें हैं न हारेंगे, जन जन में ये पहुँचाना है। अपनी ताकत पहचानो तुम, सबको आगे आना है, और जिनको न हो जानकारी, उनको भी बतलाना है। मिलकर इसकी छुट्टी कर दो, अब दिखलाना है, दुनिया भी तो देखे कैसे, जीत का शंख बजाना है। कितने ही अपनों को खोया, कितने को बिस्तर लिटाया है, कोरोना तुमको जाना होगा, तुमने बहुत रुलाया है। प्यारे देशवाशियों, सारे छोड़ दो उस वक्त काम, पांच अप्रैल, रात नो बजे, नो मिनट, दे दो अपने देश के नाम।