कोरोना का रोना: बरतें सावधानी ताकि अस्पताल से अपनों तक न पहुंचे वाॅयरस
चिकित्सक की पत्नी कोरोना पाॅजिटिव होने के बाद स्वास्थ कर्मियों में भी संशय
झांसी। कोरोना संक्रमित के इलाज में दिन-रात जुटे चिकित्सकों और अस्पताल कर्मचारियों को भी खास सावधानी बरतने की जरूरत है। संक्रमित के इलाज के दौरान चिकित्सक के खुद इस वायरस के जद में आने की बात सामने आ चुकी है। इसलिए वायरस की स्थिति को देखते हुए हेल्थ वर्कर भी खास सावधानी बरतें ताकि उसका संक्रमण उनके अपनों तक न पहुँचने पाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जी के निगम ने बताया कि इस सम्बन्ध में अस्पतालों ने भी अपने कर्मचारियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस से सावधान रहने की जहां आम लोगों को जरूरत है वहीं इससे संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे चिकित्सकों और अस्पताल कर्मचारियों को भी बडी ही सतर्कता बरतने की जरूरत है। अस्पताल कम से कम चीजें लेकर आयें – जैसे पर्स, पेन, बैग, बेल्ट, चाबी, मोबाइल चार्जर, लैपटाप, चेन आदि में से जो बहुत ही जरूरी हो, उसे ही लेकर आयें। वार्ड में भर्ती मरीजों को बेड पर ही रहने और किसी भी अन्य चीजों को छूने से मना करें। मरीजों के सिक्रीसंस को बायो मेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट गाइड लाइन के आधार पर ही निस्तारित कराएं। फेस मास्क का सही तरह से प्रयोग करें और समय-समय पर बदलते रहें, सिर को भी सर्जन कैप से ढककर रखें। डबल ग्लब्स पहनें और ग्लब्स बदलते समय प्रोटोकाल का पालन करें। इसके साथ ही वार्ड में चाय-नाश्ता कदापि न करें, उसके लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) निकालकर अन्य सुरक्षित स्थान पर चाय-नाश्ता करें। इसके साथ ही अस्पताल के स्टैण्डर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का भी कड़ाई से पालन करें।
इस संबंध में गृह भ्रमण कर रही आशाओं को भी निर्देश दिया गया है कि वह गृह भ्रमण के दौरान परिवार के दरवाजे की कुंडी न खटकाये या ऐसे स्थान जहां लोगों के बार बार हाथ लगने की संभावना है, को न छुए।
अस्पताल से घर आने पर ध्यान देने वाले प्रमुख बिंदु
ऽ बाहरी कमरे में ड्रेस उतारें और तुरंत ही गर्म पानी व डिटर्जेंट में भिगो दें।
ऽ गर्म खाना और गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें।
ऽ इस्तेमाल किये गए बर्तनों को गर्म पानी से धुलें।
ऽ मोबाइल चार्जर, रिमोट, स्विच को नियमित रूप से सेनेटाइज करना चाहिए।
ऽ घर पर परिवार के सदस्यों से उचित दूरी बनाए रखें।