कोरोना एलर्ट: गर्भवती स्त्री व बच्चों का रखें खास ख्याल
पोषण की सीख बच्चों को रखेंगी ठीक, रोग प्रतिरोधक क्षमता पर दे विशेष ध्यान
झांसी। गर्भवती, धात्री माताएँ और बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, याद रहे कि कोरोना उन्ही को संक्रमित कर सकता है, जिनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम होगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र सिंह बताते हैं कि समेकित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के द्वारा बच्चों के बेहतर स्वस्थ्य के लिए पोषण की सीख दी जा रही है। क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वही यदि बच्चा कुपोषित है या सही से खान पान नही कर रहा तो उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी और ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा। इसी के साथ गर्भवती या धात्री माताओं को अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपना और अपने बच्चे का विशेष ध्यान रखा जाना जरूरी है।
पोषण की सीख बच्चों को रखेंगी ठीक
आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दिया जाने वाला अनुपूरक पोषाहार दैनिक पोषण आवश्यकता का केवल एक तिहाई भाग की पूर्ति करता हैं। इस पोषाहार में सब्जियां , फल व तेल मिलाकर हम उसे और पौष्टिक बना सकते है। लॉकडाउन के दौरान यदि परिवार के पास ताजी फल व सब्जियां उपलब्ध नहीं हैं तो जो कुछ भी घर में पहले से उपलब्ध है, उसी सामग्री से बना हुआ भोजन बच्चे को खिलायें। गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त आहार लेने के साथ साथ गर्भवती महिला को आयरन, कैल्शियम तथा कृमिनाशक गोली लेना आवश्यक है जिससे कि वह स्वस्थ और पोषित रहे। यदि मां को बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ है तो स्वयं को तुरंत डाक्टर को दिखाये व शिशु से संपर्क के दौरान मुँह व नाक को ढंक कर रखें। संक्रमण से बचाने हेतु छः माह से छोटे बच्चे को ऊपर का दूध ,पानी नही दें एवं छः माह से बड़े बच्चे को साफ पानी, साफ कटोरी, साफ थाली, साफ हाथ तथा साफ भोजन पकायें व खिलाएं।
इन बातों का रखे ध्यान
कोविड -19 संक्रमण काल के समय में खाद्य पदार्थो की खरीदारी रख रखाव और साफ सफाई के बारे में विशेष सावधानी बरतनी है। सब्जी और फलों को साफ व बहते पानी से धोयें तथा खाने से पहले अच्छे से छील लेना चाहिए। सब्जी और फलों को छीलने व काटने के पहले 40 सेकन्ड तक अपने हाथ साबुन व पानी से अच्छे से धो लें। गर्भवती, धात्री और बच्चों को कोविड -19 संक्रमण काल में घर से बाहर न निकालें।