कोरोना आपदा में 27 मार्च से सतत सेवा कार्यों में जुटा है संघ
अब तक डेढ़ लाख लोगों को भोजन व 7 हजार परिवारों को पहुंचा चुका है राशन सामग्री
झांसी। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से देश को बचाने के लिए जैसे ही 25 मार्च को लाॅकडाउन की घोषणा हुई। तत्काल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश भर में जहां जैसी आवश्यकता दिखाई दी उसके अनुसार समाज के बीच पहुंचकर सेवाकार्य आरम्भ कर दिए। यह क्रम देश के महानगरों से लेकर गांव तक चलता रहा। महानगर की इकाई भला पीछे कहां रह सकती थी। आनन फानन महानगर के संघ कार्यकर्ताओं ने भी छोटी बैठक आयोजित की और 27 मार्च से सेवाकार्य आरम्भ कर दिए। अब तक संघ के द्वारा करीब डेढ़ लाख लोगों को भोजन कराया जा चुका है। वहीं महानगर के 7 हजार असहाय और गरीब पात्र परिवारों तक राशन सामग्री भेजने का भी कार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त कोरोना से बचाव की जागरुकता के चलते दस हजार लोगों को माॅस्क भी उपलब्ध कराए गए हैं। ऐसे तमाम कार्यों में संघ के कार्यकर्ता अपना दायित्व समझते हुए सेवाभाव से जुटे हुए हैं।
संघ अपनी विशिष्ट कार्य पद्धति के लिए जाना जाता है। सेवा कार्याें का प्रचार प्रसार किए बगैर एक कदम आगे बढ़कर कार्य करना प्रत्येक स्वयंसेवक के स्वभाव में रहता है। जब विश्व के अधिकांश देश इस छूत की जानलेवा बीमारी में धराशायी हो रहे थे। देश में भी इसकी दहशत से सभी अपने को बचाकर घरों में बैठे हैं। ऐसे में संघ के कार्यकर्ताओं व स्वयंसेवकों ने सेवा व समर्पण को अपने जीवन का हिस्सा मानकर सर्वे भवन्तु सुखिनः को चरितार्थ करते हुए घर -घर सेवाएं देने,समाज के मध्य शासन के नियमों का पूर्ण रुप से पालन करते हुए उनकी पीड़ा हरने का कार्य शुरु किया। समाज के ही अनेकों अनेक बंधुओं के सहयोग से आरम्भ में समाज के अभावग्रस्त पात्र परिवारों को घर-घर जाकर राशन सामग्री वितरित करना शुरु किया। इस राशन किट में 5 से 10 किग्रा आटा,2किग्रा चावल,एक किलो दाल,नमक,3 किलो आलू,मसाला,तेल,साबुन आदि लोगों को उपलब्ध कराते हुए उनके जीवनचर्या को सुगम बनाने का प्रयास किया। ये राशन सामग्री महानगर के 7 हजार परिवारों तक भेजी गई। ये सामग्री सतत 19 मई तक सभी परिवारों में भेजी जाती रही है।
दो अन्नपूर्णा भोजनालयों ने भरा डेढ़ लाख लोगों का पेट
देश के तमाम प्रान्तों की सीमा यूपी-एमपी के झांसी से लगी हुई है। अधिकांश राज्यों से लाखों की संख्या में वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने का दायित्व भी संघ ने बखूबी निभाया। इसमें दो स्थानों पर अन्नपूर्णा भोजनालय खोले गए। इनमें से एक रक्सा बाॅर्डर पर और दूसरा मेडिकल बाॅयपास पर स्थित एक विवाहघर में। दोनों स्थानों पर संघ के कार्यकर्ताओं की देखरेख में सैकड़ों लोगों ने सहयोग करते हुए प्रतिदिन करीब 20 से 25 हजार लोगों को भोजन कराने की जिम्मेदारी उठाई। प्रवासी मजदूरों के लिए यह कार्य एक मई से अनवरत चल रहा है। अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। रक्सा बाॅर्डर पर स्थित भोजनालय की जिम्मेदारी स्वयं विभाग प्रचारक अजय जी ने संभाल रखी थी। जबकि मेडिकल बाॅयपास के समीप स्थित रजवाड़ा पैलेस पर चल रहे भोजनालय की जिम्मेदारी महानगर प्रचारक यशवीर व मनीष समेत तमाम स्वयंसेवकों के हाथों में सौपी गई थी। दोनों भोजनालय बीते रोज तक सतत रुप से संचालित हुए। जबकि 21 मई से मेडिकल बाॅयपास के समीप वाला भोजनालय बंद कर दिया गया है।
सैकड़ों कोरोना योद्धाओं को किया गया सम्मानित
महामारी से बचाव के लिए अग्रिम पंक्ति में लगे 150 चिकित्सक व स्टाॅफ,पूरे महानगर में सैकड़ों स्वच्छता कर्मी,सुरक्षा व व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मी,प्रशासनिक अधिकारी व पत्रकार सभी को सम्मानित कर अभिनन्दित किया गया। शासन से आने वाली व्यवस्थाएं जैसे राशन कार्ड व लोगों का पंजीकरण हो,उसके लिए भी स्वयंसेवकों ने प्रयत्न करके लगभग 250 लोगों को सुविधायुक्त किया। उक्त सभी सेवा के कार्य समाज के ही अनेक बंधुओं के सहयोग किए जाने से ही संचालित किए गए। लोग भामाशाह की भूमिका में सतत रुप आगे रहे।
जहां कम वहां हम की तर्ज पर किया संघ ने कार्य
इस संबंध में विभाग प्रचारक अजय जी ने बताया कि जहां कम वहां हम की तर्ज पर इस भूमिका को आत्मसात कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ,राष्ट्रीय सेवा भारती,माधव स्मृति समिति सदैव निरंतर इस कार्य को कर रही है। और आगे भी करता रहेगा। यहां के जो श्रमिक,विद्यार्थी या कामकाजी बंधु अन्य प्रान्तों में इस लाॅकडाउन में फंसकर रह गए हैं। उनकी भी राशन,भोजन,पानी आदि की व्यवस्था वहां के स्वयं सेवकों को सूचना देकर पूर्ण कराई जा रही है। साथ ही उनको लाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर
ऐसे समय में आर्थिक तंगी में आए मजदूर वर्ग व समाज के बंधुओं की मदद करके सेवा भारती द्वारा स्व उद्यम व स्वरोजगार जैसे सब्जी,फल,कपड़ा,प्रेस,बाल कटिंग व सिलाई आदि अनेक कार्यों के लिए तैयार कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। साथ ही निर्धन विद्यार्थियों के लिए पुस्तक सहायता केन्द्र भी बनाया गया है। इसी भाव से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज से भी आग्रह करता है कि नर सेवा नारायण सेवा के लिए आगे आएं।