कुष्ठ रोग से विकलांग मरीजों को मासिक पेंशन के साथ मिलता है आवास
198 मरीज को मिल रही है पेंशन
झाँसी। जनपद में लोगों को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लिए 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और इस साल की थीम कुष्ठ के विरुद्ध आखिरी युद्ध, २०२२ तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य है। अभियान की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन से शुरू किया जाएगा, क्योंकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों के प्रति निस्वार्थ मदद की थी।
जिला कुष्ठ अधिकारी डा सुधीर कुमार कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जहां अप्रैल से दिसम्बर वर्ष तक 86 कुष्ठ पीड़ित मरीजों को सही किया गया है वही 79 नए मरीज भी मिले है। वर्तमान में 93 कुष्ठ मरीज इलाज़ पर है। अभियान के माध्यम से कुष्ठ के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। जिससे वर्ष 2022 तक कुष्ठ उन्मूलन के लक्ष्य को पाया जा सके। कुष्ठ रोगियों का उन्मूलन तब ही हो सकता है जब वह लक्षण पता चलने पर जल्द से जल्द इलाज के लिए आ जाए, जिससे वह रोग से मुक्त तो होंगे ही साथ ही वह कुष्ठ की वजह से विकलांगता से भी बच पाएंगे। कुष्ठ परामर्शदाता विनोद मौर्य ने बताया कि कुष्ठ रोग से विकलांग हुये लोगों को शासन द्वारा मासिक पेंशन और आवास देने की भी व्यवस्था है। वर्तमान में 192 कुष्ठ विकलांग ऐसे है जिनको 2500 रूपय प्रतिमाह के तौर पर पेंशन दी जा रही है।
ग्रामीण परियोजिना विभाग के अनुसार वर्तमान में 64 कुष्ठ विकलांगों को आवास मुहैया कराया गया है वही शहरी परियोजना विभाग के अनुसार शहरी क्षेत्र में 3 कुष्ठ विकलांगों ने आवास के लिए आवेदन किया है जिसमें से एक को पैसा आवंटित कर दिया गया। शहरी परियोजिना के अनुसार विकलांग व्यक्तियों को पहले तहरीर दी जा रही है। लेकिन अभी तक सिर्फ 3 ही आवेदन आए है।
आवास व पेंशन के लिए यहां करे संपर्क
कुष्ठ विकलांग लोग आवास के लिए शहरी क्षेत्र के डूडा ऑफिस व ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीण परियोजना कार्यालय में संपर्क कर सकते है। वही पेंशन के लिएआवेदन कर सकते है।
क्या है कुष्ठ रोग
इस रोग के संक्रमण का कारण रोगाणु या बैक्टीरिया होता है, जिसे माइकोबैक्टीरियम लेप्री कहा जाता है, जो संक्रमण का कारण बनता है। यह संक्रमण रोगी की त्वचा को प्रभावित करता है तथा रोगी की तंत्रिकाओं को नष्ट कर देता है। यह रोग आंख, हाथ और पैर की तंत्रिकाओं को नष्ट कर देता है जिससे विकलांगता आ जाती है।