किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत हैं: जवाहर
झांसी। जब किसान समृद्ध होगा तो क्षेत्र समृद्ध होगा। वर्तमान में प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत है, ताकि हमारी मृदा स्वस्थ रहें। कम लागत से कृषि कार्य करें और आय में वृद्धि करें। जनपद में किसी भी क्षेत्र में अति वर्षा, ओलावृष्टि या तेज हवा से फसल क्षति हुई है तो किसान 72 घंटे में सूचना दें, ताकि मुआवजा मिल सके। उक्त उद्गार विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत ने जिला औद्योनिक मिशन अंतर्गत जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषक मेला व उद्यान गोष्ठी का विधिवत फीता काटकर उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।
राजकीय उद्यान नारायण बाग में आयोजित दो दिवसीय कृषक मेला व उद्यान गोष्ठी में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों का गरौठ गरौठा विधायक ने निरीक्षण किया तथा नई जानकारियां एवं योजनाओं के बारे में विभागीय अधिकारियों से किसानों को दिए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने किसानों से कहा कि खेती कार्य में रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि यह जहर है और यह अनेकों बीमारियों की जड़ है। गोष्ठी में निदेशक कृषि अनुसंधान संस्थान डा. आरके तिवारी ने उपस्थित अन्नदाताओ से कहा कि जलवायु को देखते हुए औद्योनिक पेड़ लगाए, साथ ही मसालों की खेती करें, जिसमें हल्दी व अदरक की फसल लगाएं, ऐसा करने से आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में उद्यान फसलों में सब्जियों में उत्पादन बढ़ा है और औद्योनिक क्षेत्र में उत्पादन 4 करोड़ टन था, अब यह उत्पादन 9 करोड़ टन हो गया है। इसी प्रकार सब्जी का उत्पादन 7 करोड़ टन था जो अब 17 करोड़ तक पहुंच गया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने खीरा, ककड़ी, लौकी की फसल में टेढ़ापन आ जाता है इसके लिए किसान हनीट्रैप का इस्तेमाल करें। किसान कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. निशी राय ने किसानों को दलहनी, तिलहनी फसलों की ओर आगे आने का सुझाव दिया ताकि कम पानी में उत्पादन व उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सके। इस मौके पर उप निदेशक उद्यान भैरव सिंह, जिला कृषि अधिकारी केके सिंह, कृषि वैज्ञानिक डा. लालचंद, नीरज सचान, जालिम सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी व विकास खंडों से आए किसान उपस्थित रहे।