औचक निरीक्षण में सीएमएस के शिथिल पर्यवेक्षण पर भड़के जिलाधिकारी

कहा,जल्द ही सुधार लाएं अन्यथा कार्रवाई के लिए रहें तैयार
झांसी। मंगलवार को औचक निरीक्षण करने जिला अस्पताल पहुंचे जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के शिथिल पर्यवेक्षण पर भड़क उठे। निर्देश दिए कि जल्द ही सुधार लाया जाए अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें। सफाई व्यवस्था में लगे समस्त कर्मचारियों को पीपीई किट की सुविधा तत्काल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए ताकि सभी सफाईकर्मी सुरक्षित रहें। विभिन्न वार्डों का निरीक्षण कर वहां भी सबकुछ ठीक करने के दिशा निर्देश दिए।
जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि पूर्व में मुख्य रूप से जिला अस्पताल को कोविड 19 के तहत एल-1 हॉस्पिटल घोषित किया गया था। उसी समय यहां आइसोलेशन वार्ड बनाए गए परंतु अब जिला अस्पताल एल-1 हॉस्पिटल नहीं है। इसके स्थान पर निर्मल नर्सिंग होम, चिरंजीवी हॉस्पिटल एवं लाइफ लाइन हॉस्पिटल को एल-1 हॉस्पिटल घोषित किया गया है। इनकी समस्त सेवाओं को क्वॉरेंटाइन के साथ लिए जाने का निर्णय लिया गया। यहां लगभग 50 बेड है सभी सुव्यवस्थित हंै। निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉक्टर गजेंद्र कुमार निगम, सीएमएस डॉ एम सी वर्मा, अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर जन्मेष शाक्य सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।

अव्यवस्थित बाॅयो मेड बेस्ट प्रणाली पर जताई नाराजगी
जिला अस्पताल का निरीक्षण करते हुए अस्पताल में बाॅयो मेड बेस्ट प्रणाली सही ढंग से संचालित न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मैनेजमेंट और सफाई कर्मियों के साथ वार्ता कर समस्या का निस्तारण किया। साथ ही निर्देश दिए कि यदि सफाई व्यवस्था में लापरवाही होगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने मैनेजमैंट को निर्देश देते हुए कहा कि सभी कर्मचारियों को पीपीई किट के साथ ग्लब्स, चश्मा सहित अन्य सामान जो उन्हें स्वस्थ रखे, तत्काल उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि एक मौका है यदि सुधार नहीं होगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन यूनिट को देख जताया संतोष
जिलाधिकारी श्री आन्द्रा वामसी ने जिला अस्पताल के निरीक्षण पर होमो डायलिसिस यूनिट, सर्जिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड पुरुष, इमरजेंसी वार्ड, बच्चा वार्ड, जेरिएटिक विभाग, क्षेत्रीय निदान कक्ष, आकस्मिक विभाग तथा आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। वहां सारी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। निरीक्षण के दौरान सीएमएस ने बताया की जनपद में कोविड -19 के कारण मरीज कम आ रहे हैं लेकिन जो बाहर के मरीज आते हैं उन्हें प्राॅपर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है और वह चले जाते हैं। इमरजेंसी में यदि गंभीर मामला आता है तो उसे एडमिट किया जा रहा है।

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