ओवररेटिंग की सूचना पर टहरौली थानाध्यक्ष ने पिटवाई डुग्गी
कहा,ऐसे लोग कठोर कार्रवाई को रहें तैयार
झंासी। एक ओर जहां देश में कोरोना का डर बैठा हुआ है, वही भारत सरकार ने देश भर में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित कर दिया है । ऐसे में रातों रात अमीरी का ख्याब देख रहे, मानवता को शर्मसार करने वाले कुछ लोग खाद्यान्न पदार्थों की कालाबाजारी पर उतारू हो गये हैं। इसकी जानकारी मिलते ही थानाध्यक्ष टहरौली आशीष मिश्रा ने कठोर कार्यवाही की चेतावनी दी है। साथ ही डुग्गी पिटवाकर ऐसा करने वालों को चिन्हित करने की पहल की है।
बुधवार को थानाध्यक्ष टहरौली को सूचना प्राप्त हुई कि कुछ राशन विक्रेताओं एवं सब्जी विक्रेताओं द्वारा लोगों की समस्याओं और लॉकडाउन का फायदा उठा कर राशन की सामग्री एवं सब्जियों को तय दामों से ऊँचे दामों पर बेचा जा रहा है। इस पर थानाध्यक्ष ने मामले की गंम्भीरता से लेते हुए ओवर रेटिंग कर रहे व्यापारियों को सख्त हिदायत दी और बाजार में मुनादी करवा कर चेतावनी दी कि ओवर रेटिंग करने वालों के खिलाफ कठोरता कार्यवाही अमल में लायी जायेगी । वर्तमान में टहरौली में चीनी को 42 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि 2 दिन पहले तक इसकी कीमत 35 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसी क्रम में अरहर की दाल की कीमत 90 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 105 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गये हैं, सरसों के तेल की कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा पहुंची है । टहरौली के बाजार में लाल मिर्च को 180 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 220 तक बेचा जा रहा है । आलू के दाम 15 रुपये से बढ़कर 30 रुपये हो गये हैं, वहीं टमाटर 20 रुपये से बढ़कर 40 रुपये, प्याज 30 रुपये से बढ़कर 45 रुपये, लौकी 20 रुपये से बढ़कर 30 – 35 रुपये, कद्दू 20 रुपये से बढ़कर 30 रुपये, गोभी 10 रुपये से बढ़कर 20 रुपये और करेला 30 रुपये से बढ़कर 50 रुपये तक में बेचा जा रहा है । पहले से कोरोना की मार झेल रहे क्षेत्रवासियों को ओवर रेटिंग की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। परन्तु लोग ओवर रेटिंग में भी खाद्य पदार्थों को लेने के लिये मजबूर हैं।