उपवास रखकर भाप्रपा ने मृतक प्रवासी मजदूरों और बच्चों को दी श्रृद्धांजलि
झांसी। गृह जनपदों को छोड़ कर रोजी रोटी की तलाश में बड़े शहरों में रह रहे मजदूर कोरोना वाॅयरस के चलते देश में लगे लाॅकडाउन में बेरोजगार हो गये। इसके बाद उन्होंने अपने घर वापस आने में ही भलाई समझी। बीते दिनों विभिन्न वाहनों में सवार होकर घर वापसी के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कई प्रवासी मजदूरों व बच्चों की मौत हो गई। मंगलवार को भारतीय प्रजाशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित पंकज रावत ने पार्टी कार्यालय पर एक दिन का उपवास रखकर असमय काल के गाल में समा गये प्रवासी मजदूरों व बच्चों को श्रृद्धांजति अर्पित की।
इलाईट चैराहे स्थित पार्टी कार्यालय में उपवास के दौरान पं. पंकज रावत ने कहा कि जिनके कन्धों पर देश की विकास का जिम्मा रहता है, जो बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीयों व इमारतों को बनाने का काम करते है और सरकार की योजनाओं को पूरा करते है। ऐसे ही मजदूर सड़कों पर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल व विभिन्न वाहन तय करके जीवन की आस में अपने घर वापस लौट रहे थे। लेकिन न तो उन्हें जीवन नसीब हुआ और न ही अपनों के बीच मौत। पंकज रावत ने कहा कि लाॅकडाउन सिर्फ अमीरों के लिए था गरीब और मध्यम वर्ग के लिये ये अभिशाप से कम नहीं। सड़क दुर्घटनाओं मारे गये मजदूरों के बाद किसी ने अपना बेटा खोया किसी ने बाप तो किसी ने मां व बेटी खोई। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार के पास कोई आंकडें ही नहीं थे कि कितने मजदूर बड़े शहरों में रोजगार पर है बिना सोचे समझे लाॅकडाउन लगाना और फिर मात्र राजस्व के लिए शराब की दुकानों को खोलना ये सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एक दिन का उपवास रखना ही मृतको को सच्ची श्रृद्धांजति होगी।