उत्तर प्रदेश में शीघ्र लागू हो असंगठित लेबर सोशल सिक्योरिटी एक्ट: भानू सहाय

झांसी। वर्ष 2008 में केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया असंगठित लेबर सिक्योरिटी एक्ट यदि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू किया गया होता तो आज वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन में उत्तर प्रदेश के 47 वर्ग के असंगठित श्रमिक लाभान्वित होने से उनकी आर्थिक स्थिति काफी हद तक ठीक रहती। इसको लेकर मंगलवार को बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने देश के प्रधानमंत्री को मेल भेज कर उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही असंगठित लेबर सोशल सिक्योरिटी एक्ट-2008 लागू करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि एक्ट लागू नहीं हुआ तो लाॅकडाउन के बाद उच्च न्यायालय में जन हित याचिका दायर की जायेगी।
मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने प्रधानमंत्री को मेल भेज कर बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2008 में देश के 41 करोड़ असंगठित श्रमिको के लाभार्थ असंगठित लेबर सिक्योरिटी एक्ट 2008 बनाया था। 12 वर्ष गुजर जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस एक्ट को लागू नही किया। 2008 में बने एक्ट को लागू किये जाने के लिए नियमावली समाजवादी सरकार ने 2016 में बनवाई जाना प्रारम्भ की थी,जो वर्ष 2020 में अभी तक नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज में असंगठित श्रमिको के लिए काफी लाभ देने की घोषणा की है। लेकिन उत्तर प्रदेश के असंगठित लेबर केन्द्र सरकार द्वारा दिये जाने वाले लाभ से वंचित रह जाएंगे। बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2008 के एक्ट को लागू कर दिया होता तो उत्तर प्रदेश के लगभग 7 करोड़ से ज्यादा असंगठित श्रमिक जिसमे हॉकर, कुली, बीड़ी श्रीमिक, ठेले वाले, घरेलू कर्मकार, फुटपाथ व्यापारी, गेरेज कर्मकार, टैक्सी, ऑटो चालक, किसान मजदूर, दुकानों पर काम करने वाले, धोबी, माली, दर्जी, मोची, सब्जी वाले, चाय व चाट ठेला वाले, बुनकर आदि 47 वर्ग के श्रमिक लाभान्वित होने लगते और कोरोना वायरस के कारण किये गए लॉक डाउन के चलते वह कर्जदार नहीं बनते। जिस-जिस प्रदेश में यह एक्ट लागू है उन सभी प्रदेशो में असंगठित श्रमिको को उनके खातों मे धनराशि व राशन फ्री मिल रहा है। लेकिन आज उत्तर प्रदेश के बुन्देलखंड क्षेत्र में लगभग 60 लाख से अधिक असंगठित श्रमिक बदहाली के कगार पर खड़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि शीघ्र ही उत्तर प्रदेश में असंगठित श्रमिक सामाजिक सिक्युरिटी एक्ट 2008 लागू कराया जाए जिससे देश के अन्य श्रमिको के साथ साथ उत्तर प्रदेश के असंगठित श्रमिक लाभान्वित हो सके।

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