अब तक 9500 से अधिक लोगों को रखा जा चुका है सर्विलेंस पर: डा. अनुराधा

कोरोना काल में अहम भूमिका निभा रही आईडीएसपी व सर्विलेंस टीम
झांसी। यह समय सभी के लिए चुनौती भरा हुआ है, कोरोना से बचाव में ढाल बने स्वास्थ्य विभाग का कार्य सिर्फ जांच व उपचार तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे इतर विभाग की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य रही वह टीम भी है जो सर्विलेंस और सैंपलिंग के लिए निरंतर कार्य कर रही है। कुछ इसी तरह इस जंग में काम कर रही है स्वास्थ्य विभाग की आईडीएसपी व सर्विलेंस टीम। अब तक टीम द्वारा 9500 से अधिक लोगों को सर्विलेंस पर रखा जा चुका है।
एपिडेमोलॉजिस्ट डा. अनुराधा ने बताया कि कोरोना से संबन्धित मरीजों और संभावित मरीजों के विवरण का काम आईडीएसपी व सर्विलेंस टीम द्वारा किया जा रहा है। यदि कोई बाहर से आए हुये लोगों की सूचना देता है तो उसे भी सर्विलेंस पर रखते है। जनपद में 17 टीम बनाई गई है जो सिर्फ सर्विलेंस का कार्य कर रही है। अभी तक 9574 लोगों को सर्विलेंस पर रखा जा चुका है, जिसमें से 4644 लोगों के केस तो बंद हो चुके है और वर्तमान में 4930 लोगों को सर्विलेंस पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय समाज के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का है। वह खुद गर्भवती हैं और ऐसी स्थिति में भी वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 6611 लोगों की सैंपलिंग की जा चुकी है। 92 कोरोना मरीज मिले हैं। इसमें 40 स्वस्थ्य होकर घर जा चुके हैं। टीम के सदस्य कोरोना पाजिटिव मरीजों की सूचनाएं व संभावितों के भेजे गए सैंपल की स्थिति को पोर्टल पर अपलोड कर डिस्ट्रिक्ट से लेकर स्टेट लेबल तक भेजते हैं। इसमें सीएमओ कार्यालय में इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के नोडल अधिकारी डा. सुधीर कुलश्रेष्ठ एवं कार्यक्रम में तैनात एपिडेमोलॉजिस्ट डा. अनुराधा, जिला डाटा मैनेजर (डीडीएम) आदित्य प्रकाश व डाटा एंट्री ऑपिरेटर राजेंद्र सिंह, दिलीप कुमार की अहम भूमिका है। वही जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डा. विजयश्री शुक्ला भी कोविड पॉजिटिव मरीजों के कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए अहम भूमिका निभा रही है, इनके कार्य में जो भी कोविड पॉजिटिव मरीज आ रहे है उनके परिजनों को कॉल करके उनकी स्थिति की जानकारी लेना व संस्थागत क्वारनटाइन करना शामिल है।
समय से मिल रही है रिपोर्ट
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जीके निगम ने बताया कि इस कोरोना काल में पूरा स्वास्थ्य महकमा अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। लेकिन आईडीएसपी टीम की सक्रियता के चलते मरीजों की सूचना अविलंब ही मिल जाती है।

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