अन्ना जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने तहसील परिसर में जानवरों को घुसाया
इससे पूर्व ग्रामीण प्रशासन को कर चुके थे आगाह
झांसी। बुन्देलखण्ड में अन्ना पशु सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। लम्बे समय से अन्ना जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने सोमवार को भारी संख्या में अन्ना जानवर एकत्र कर तहसील परिसर में घुसा दिए। इसके बाद प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने क्षेत्र में आवारा जानवरों की समस्या पर रोक लगाने और इन्हें आश्रय स्थलों में रखवाने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों के साथ स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी नजर आए। इस दौरान तहसील की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवानों से प्रदर्शनकारियों की धक्का मुक्की भी हुई। हालांकि होमगाॅर्ड उन्हें रोक नहीं सके और लाठी-डंडे लिए प्रदर्शनकारी उन्हें धकेलते हुए आवारा जानवरों के साथ तहसील परिसर में जा घुसे।
अन्ना पशु वर्तमान में बुन्देलखण्ड के लिए बेरोजगारी के बाद सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके चलते जनपद में ग्रामीण बुरी तरह से परेशान हैं। किसानों को रात में अपने हरे भरे खेतों की रखवाली के लिए घरों को छोड़कर खेतों की मेढ़ों पर डेरा डालना पड़ता है। ऐसी ही परेशानी से पिछले कई दिनों से मोंठ तहसील के कई गांवों के ग्रामीण प्रशासन से शिकायत करते हुए अपनी समस्या बताने का प्रयास कर रहे थे। पर उनकी बात नहीं सुनी गई। इसके चलते आक्रोशित ग्रामीणों ने आज मोठ तहसील परिसर में भारी संख्या में आवारा जानवरों को घुसा दिया। तहसील परिसर में जानवरों के घुसने और ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद प्रशासन में हड़कम्प मच गया। सूचना पाते ही मौके पर तत्काल पुलिस बल जा पहुंचा। अधिकारियों की प्रदर्शनकारी ग्रामीणों और भाजपा नेताओं से बातचीत हुई। समस्या का जल्द ही समाधान कराने का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म कराया गया और आवारा जानवरों को तहसील परिसर से बाहर किया गया।
कई बार शिकायत के बाबजूद भी नहीं हुई कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल स्थानीय भाजपा नेता सुरजीत सिंह राजपूत ने बताया कि आवारा जानवरों की समस्या को लेकर उन्होंने कई बार सीएम पोर्टल पर शिकायत की है। मुख्यमंत्री का भी यह आदेश है कि इन्हें नियंत्रित करने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जाए। उन्होंने बताया कि हमारे यहां 10 दिन पहले एक शख्स को आवारा बैल ने मार दिया था। जब इसकी शिकायत हमने बीडीओ से की तो उन्होंने साफ लब्जों में कह दिया कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते।
फसलों को बर्बाद कर रहे आवारा जानवर
भाजपा नेता ने कहा कि इससे पूर्व परेशान होते हुए हमने तहसील या ब्लॉक कार्यालय में आवारा जानवरों को घुसेड़ देने की चेतावनी दी थी। ऐसा हमने इसलिए कहा था, क्योंकि धान की नर्सरी तैयार हो रही है और आवारा जानवर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं। जब इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो आज हमने प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में अपनी समस्या लाने के लिए यहां आवारा जानवरों को घुसाया है।
जिलाधिकारी ने मामले में दी सफाई
इस मामले में जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने सफाई देते हुए कहा कि यदि फसलों को कहीं आवारा जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं तो उन्हें गौआश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए जिले में गौआश्रय स्थल बने हुए हैं। मोठ तहसील के आसपास अम्बरगढ़, लोहागढ़, साकिन, पूंछ, कलोर और गुलेर में गोआश्रय स्थल बने हुए हैं। निराश्रित गौवंश यहां पहुंचाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही गौवंश लाने वालों को खर्च भी दिया जाता है।
एसडीएम बोले,नहीं थी जानकारी
इस संबंध में एसडीएम मोठ ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी कि किसान अचानक इतने जानवरों को तहसील परिसर में घुसा देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिन पूर्व अन्ना जानवरों की समस्या संबंधी एक प्रार्थना पत्र उन्हंे जरुर मिला था। लेकिन आज किसानों ने इसे बड़ा रुप दे दिया।