राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में जल योद्धा ,पद्मश्री उमाशंकर पांडे दिल्ली आमंत्रित

बांदा। 75 वर्षों में पहली बार, महामहिम राष्ट्रपति के कर कमलों से बांदा को मिले कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे पद्मश्री उमाशंकर पांडे ने कहा कि नेशनल अवार्ड, जल संरक्षण के सामूहिक, प्रयासों के लिए यह ,राष्ट्रीय पुरस्कार ,बांदा जिले का है, राज, समाज, सरकार, की सामूहिक भागीदारी के लिए तथा परंपरागत और नवीन जल संरक्षण में किए गए प्रयासों के लिए 22 अक्टूबर को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय पांचवें जल पुरस्कार के अवसर पर यह पुरस्कार जिला बांदा को मिलेगा।

 

श्री पांडे ने कहा कि भारत में 700 से अधिक जिले हैं और इस सम्मान के लिए कुल 6 जिले पूरे देश में चुने गए हैं उन्ही में से एक बांदा है। व्यक्तिगत पुरस्कार मिलना एक सामान्य बात है यह व्यक्ति की व्यक्तिगत उपलब्धि है किंतु पूरे जिले को पुरस्कार मिलना यह पूरे जनपद वासियों के लिए, बड़ी बात है यह पूरे जिले का जनपद का सबके लिए प्रसन्नता का विषय है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव नमामि गंगे मा जिलाधिकारी बांदा के साथ-साथ मुझे भी इस ऐतिहासिक शुभ अवसर पर, राजकीय सम्मान के साथ,भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय, ने आमंत्रित किया है।

 

इस अवसर पर भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, देश-विदेश के जल विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मैं भारत सरकार को राज्य सरकार को नेशनल अवार्ड कमेटी के सदस्यों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सुखे बुंदेलखंड के बांदा जनपद को इस राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना है। यह एक व्यक्ति का प्रयास भी नहीं है जनपद के लाखों व्यक्तियों का सामूहिक प्रयास है अभी यह शुरुआत है भारत सरकार की ओर से छोटा सा प्रोत्साहन है। हम सबको राज समाज सरकार को आगे और भी प्रयास करने हैं। यह पुरस्कार हमें आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं। जल संरक्षण की दिशा में हम सब मिलकर बांदा के निवासियों को दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है यह वही बांदा बुंदेलखंड है जहां मालगाड़ी से पानी भेजा गया था और हम, हमारे बुंदेलियों ने लेने से मना कर दिया था।

 

बुंदेलखंड में कहावत है, बुंदेलौ की सुनो कहानी ,बुंदेलौ की वाणी में, पानी दर यहां का घोड़ा आंग यहां के पानी में, एक दूसरी कहावत बहादुरी की भी है, आग और पानी वाली, बुंदेलखंड की माटी है, अपने से दूने की गरदन, सदा समर में कटी है, मेरे पास,25 वर्षों में पानी को लेकर क्या-क्या प्रयास हुए हैं बुंदेलखंड में जानकारी उपलब्ध है सरकारी भी और गैर सरकारी।

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