बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरोधर बचाने को पर्यटन टीम द्वारा अनवरत रूप से किया जा रहा जागरूक का कार्य

बाँदा (लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी)। बुंदेलखंड में उपेक्षा का शिकार और प्राकृतिक रुप से समृद्ध प्राचीन मंदिर, स्मारको को संरक्षित करने का कार्य लगातार पर्यटन टीम द्वारा किया जा रहा हैं। एक सैकड़ा लोगो की टीम के द्वारा लगातार बुंदेलखंड इलाके में पड़ने वाले सातों जनपदों में दौरा किया जा रहा है।इस्थानीय लोगो की मौजूदगी में ऐतिहासिक जगहों को संरक्षित करने के लिए जागरूक करने का कार्य टीम के द्वारा किया जा रहा हैं।

 

चित्रकूट कामदगिरि के महंत मदन गोपाल दास के संरक्षण में लगातार विभिन्न जगहों में दौरे किये जा रहे है। टीम में शामिल लोकभारती संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य जितेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि बुंदेलखंड का पूरा इलाका संमर्द्ध व प्राकृति से परिपूर्ण के साथ साथ ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है। यहां विद्दमान धरोहरों को अब विकसित करने का समय आ चुका हैं। जिसके लिए टीम के द्वारा अभियान चलाकर व मौके में पहुचकर आगे सरकार से इन सभी के लिए विकास की बात रखी जायेगी। बुन्देलीयो के जन जागरूकता के लिए आगे प्रकृति पर्यटन टीम के द्वारा निबंध लेख की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।बताया कि जनपद में सैकड़ों साल पुरानी ऐतिहासिक महत्व की स्मारक मौजूद हैं।जो तमाम जमीदोज भी हो चुकी हैं।ऐसी जगहों को सूची बद्ध किया जा रहा हैं।कार्य पूर्ण होने के बाद सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों से बात कर सभी को संरक्षित किये जाने का कार्य किया जाएगा।

 

बताया कि इस मंच में एक सैकड़ा लोगो को जोड़े जाने का कार्य किया गया हैं। बुधवार की सुबह टीम के द्वारा केन नदी के बीच मे मौजूद जल दुर्ग रनगढ़ किले का व कालिंजर दुर्ग का टीम ने अवलोकन किया। इस दौरान मौजूद वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र तिवारी व ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद यादव ने बताया कि प्रकृति सौंदर्य से पूर्ण अति प्राचीन दुर्ग आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार हैं। इसके विकास के लिए पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने की जरूरत हैं। जल दुर्ग के विकास के लिए टीम संरक्षक महंत मदन गोपाल दास की अगुआई में दुर्ग के नीचे मानव श्रृंखला बनाई गयी। इस दौरान पूर्व विधायक राजकरण कबीर,जिला पंचायत सदस्य सदाशिव अनुरागी, मण्डल अध्यक्ष नरैनी सौरभ शर्मा,मण्डल अध्यक्ष कालिंजर अशोक राजपूत,सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। कालिंजर किले के ऊपर सभी आगन्तुको का लोगो ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।

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